सनम अली खान, कला संरक्षक रामपुर रजा लाइब्रेरी
मुगल बादशाह अकबर का चीजों को देखने का बहुत ही धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक तरीका था. उन्होंने जाति, पंथ और धर्म के किसी भी भेदभाव के बिना प्रतिभाशाली कलाकारों, चित्रकारों को बढ़ावा दिया और पुरस्कृत किया. अकबर (1556-1605) का शाही तसवीरखाना सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का केंद्र था, जो लोगों के रीति-रिवाजों, व...Read moreNow Just Don’t Read,
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मोद जोशी
भारत के नागरिकता कानून को लेकर देश और विदेश दोनों जगह प्रतिक्रियाएं हुई हैं. हालांकि ये प्रतिक्रियाएं उतनी तीखी नहीं हैं, जितनी 2019में कानून के संशोधन प्रस्ताव के संसद से पास होने के समय और उसके बाद की थीं, पर उससे जुड़े सवाल तकरीबन वही हैं, जो उस समय थे.
उस समय देश में विरोध प्रदर्शनों का अंत दिल्ली दंगों की शक्ल में हुआ था, जिनमें 53 लोगों की मौत हुई थी. उसके बाद ही उत्तर प्रदेश में बुलडोजर चलाए गए. तब की तुलना में आज देश के भीतर माहौल अपेक्षाकृत शांत है.मंगलवार 19मार्च को सुप्रीम कोर्ट ...Read more