श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सिविल सेवा में आईटी के इस्तेमाल के लिए भारत की मदद का अनुरोध किया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 02-04-2023
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सिविल सेवा में आईटी के इस्तेमाल के लिए भारत की मदद का अनुरोध किया
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सिविल सेवा में आईटी के इस्तेमाल के लिए भारत की मदद का अनुरोध किया

 

कोलंबो. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ गुड गवर्नेंस के प्रमुख ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सिविल सेवा के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए भारत के अनुभव को साझा किया. श्रीलंका ने अपने देश में इसे दोहराने में रुचि व्यक्त की.

राष्ट्रपति ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ गुड गवर्नेंस के महानिदेशक भरत लाल से मुलाकात की, जिन्होंने प्रभावी निगरानी उपायों को लागू कर देश की सिविल सेवा को बढ़ाने और सरकारी संस्थान के प्रदर्शन में सुधार करने के संभावित तरीकों पर चर्चा करने के लिए श्रीलंका का दौरा किया.

राष्ट्रपति के मीडिया डिवीजन (पीएमडी) ने कहा कि शनिवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर बैठक में भरत लाल ने साझा किया कि कैसे भारत सूचना प्रौद्योगिकी को सिविल सेवा में इस्तेमाल करने में सफल रहा.

उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्र प्रमुख से कहा कि सार्वजनिक सेवा वितरण में सूचना प्रौद्योगिकी को शामिल करने में भारत की सफलता के चलते महत्वपूर्ण प्रगति और लागत बचत हुई है. चर्चा के दौरान, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने श्रीलंका में शासन और सार्वजनिक नीति विश्वविद्यालय स्थापित करने में लाल की सहायता का आग्रह किया.

शुक्रवार को 2030 तक देश की अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने के लिए एक मास्टर प्लान की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति ने सरकारी क्षेत्र को डिजिटल कर एक डिजिटल आधुनिक श्रीलंका बनाने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र के डिजिटलीकरण को तेजी से सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की एक समिति गठित की जाएगी. उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण में तेजी लाना सरकार का कर्तव्य है. राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ शनिवार की चर्चा के दौरान, लाल के साथ कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले भी थे.

ये भी पढ़ें



 
 
 

रमजान में बढ़ी जामा मस्जिद की रौनक, शंकर , अब्दुल्ला और प्रमोद की आमदनी में आया उछाल