राकेश चौरासिया / नई दिल्ली - वाराणसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी है और पीएम मोदी गाहे-बगाहे न केवल बनारस की खैर-खबर लेते रहते हैं, बल्कि उन्होंने हजारों करोड़ की परियोजनाएं भी वहां लागू की हैं. यही कारण है कि अब बनारस विकास के पथ पर सरपट दौड़ रहा है और यहां के लोगों के दिलों में पीएम मोदी ने खास जगह बना ली है. काशी में नई परियोजनाओं और उद्योग-धंधों की नई श्रंखला के साथ लोगों के लिए रोजगार के अवसर पर भी सृजित हुए हैं. इसलिए लोग पीएम मोदी का आभार व्यक्त करने के लिए भी नवाचारों का उपयोग कर रहे हैं. यहां की कुछ मुस्लिम महिलाओं ने पीएम मोदी के लिए जरदोजी शिल्प का अंगवस्त्रम तैयार करके सामाजिक सौहार्द की मिसाल भी पेश की है.
पीएम मोदी के बनारस आगमन पर उपहार देने के लिए मास्टर शिल्पी शादाब आलम के नेतृत्व में जरदोजी के अंगवस्त्रम के साथ मेटल कास्टिंग की ऊर्जा प्रतिमा भी तैयार की गई है. चांदपुर, लोहता की जरदोजी शिल्पकार तरन्नुम, शमा और शबाना ने जरदोजी की बारीक कारीगरी से अंगवस्त्रम में प्राण फूंक दिए हैं.
इस बनारसी अंगवस्त्रम में जरदोजी कारीगरी से पटके एक ओर देवी मां की सांकेतिक मुखाकृति का अंकन किया गया है. साथ में त्रिशूल भी है. दूसरे छोर पर षिव के प्रतीक रून में काशी के घाटों के नयनाभिराम दृष्य उकेरे गए हैं. बनारस के जीआई रजिस्टर्ड हस्तशिल्पियों द्वारा इस नायाब तोहफे पर दो थीमों षिल्प बनाकर शिव-शक्ति अवधारणा को मूर्तरूप देने का सफल प्रयास किया गया है.
जीआई टैग (बौद्धिक सम्पदा अधिकार) विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ रजनीकांत ने पत्रिका को बताया कि प्रधानमंत्री जब भी काशी आते हैं, तो यहां के हस्तशिल्पी उन्हें नायाब तोहफा देने का प्रयास करते हैं. इसी क्रम में प्रशासन के आग्रह पर जीआई पंजीकृत शिल्पिओ ने भी कुछ नया करने का निर्णय लिया. इसी के तहत चांदपुर, लोहता की जरदोजी शिल्पी तरन्नुम, शमा, शबाना ने मास्टर शिल्पी शादाब आलम के साथ मिल कर बनारसी अंग वस्त्र पर जरदोजी तकनीक से एक तरफ देवी मुख के साथ त्रिशूल की आकृति तो दूसरे तरफ काशी के घाटों को उभारा और शिव शक्ति की थीम पर आधारित अंगवस्त्र तैयार किया है.
बनारसी अंग वस्त्र पर जरदोजी तकनीक से एक तरफ देवी मुख के साथ त्रिशूल की आकृति तो दूसरे तरफ काशी के घाटों को उभारा और शिव शक्ति की थीम पर अंगवस्त्रम बनाने वाली मुस्लिम महिला तरन्नुम ने बताया कि रमजान की तैयारियों के बीच जब इस काम के लिए कहा गया, तो हम सभी जी जान से लग गए. मास्टर शिल्पी शादाब आलम के सुपरविजन में पूरी पवित्रता का ख्याल रखते हुए मां भगवती को इस अंगवस्त्रम पर उकेरा गया है.