अजमेर/नई दिल्ली
राजस्थान के अजमेर स्थित विश्वप्रसिद्ध हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ में शनिवार दोपहर एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई, जिसमें भारत के वीर सशस्त्र बलों की शांति, सफलता और सुरक्षा के लिए दुआ मांगी गई. यह दुआ ऐसे समय हुई जब देश सीमाओं पर तनाव और संभावित संघर्ष के दौर से गुजर रहा था.
दरगाह परिसर में उलेमा, खादिम समुदाय और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने देश के सैनिकों की सलामती और भारत में स्थायी शांति की कामना करते हुए सामूहिक रूप से विशेष मुनाजात की. दुआ के तुरंत बाद ही विदेश सचिव विक्रम मिसरी द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम की घोषणा की गई, जिससे दरगाह परिसर में उपस्थित लोगों में गहरी भावनात्मक प्रतिक्रिया देखी गई.
At Ajmer Dargah Sharif special Prayers of Peace, Success and Safety of our Indian Armed Forces 🇮🇳 who are protecting and securing our borders were held today afternoon. Alhamdulillah, as the prayers were concluded the news of Ceasefire came which is a great message from our… pic.twitter.com/srrZDjxLWp
— Haji Syed Salman Chishty (@sufimusafir) May 10, 2025
खादिम और दरगाह से जुड़े प्रतिनिधियों ने कहा,"यह महज़ एक संयोग नहीं हो सकता कि जैसे ही हमने अपने देश के जवानों के लिए दुआ पूरी की, कुछ ही क्षणों में युद्धविराम की खबर आ गई. यह अल्लाह का करम है और यह संकेत है कि भारत की ओर से शांति का पैगाम पूरी दुनिया तक गया है."
दुआ के दौरान आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ़ भारत की एकता, बहादुरी और सहिष्णुता की भावना को विशेष रूप से याद किया गया.. अजमेर शरीफ के उलेमाओं ने कहा कि यह युद्धविराम सिर्फ़ दो देशों के बीच नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को एक संदेश है—कि हमारी धरती पर आतंकवाद और आतंकवाद को संरक्षण देने वालों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
उलेमा ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने हमेशा संयम, अनुशासन और राष्ट्रहित में काम किया है और उनकी सफलता के लिए दुआ करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
दरगाह से जारी संदेश में यह भी कहा गया कि भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है और यही ताकत शांति, सौहार्द और स्थायित्व की गारंटी है..
सोशल मीडिया पर भी ‘जय हिंद’, ‘हिंदुस्तान ज़िंदाबाद’ और ‘भारतीय सेना अमर रहे’ जैसे हैशटैग्स के साथ यह खबर वायरल हो गई.