प्रमोद जोशी
'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत तीन दिन चली लड़ाई के पहले दिन ही भारतीय सेना का लक्ष्य पूरा हो गया था, जब 21में से नौ ठिकानों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करके सौ से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया.
भारतीय सफलताओं की कहानियाँ सामने आती जाएँगी, पर रविवार की शाम हमारे डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस) और तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने सप्रमाण जो विवरण पेश किए हैं, उन्हें देखते हुए हम आश्वस्त हो सकते हैं कि भविष्य में कोई भी गलत हरकत करने के पहले दस बार सोचेगा.
ऑपरेशन जारी है
भारत की दिलचस्पी लंबी लड़ाई में थी ही नहीं और पाकिस्तान में लड़ने की कुव्वत नहीं थी. ऐसे में लड़ाई का रुकना सकारात्मक गतिविधि है, पर इसका मतलब यह नहीं है कि अब हम कोई कार्रवाई करेंगे ही नहीं. रविवार को भारतीय वायुसेना ने स्पष्ट कर दिया कि हमारा ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है.
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि युद्धविराम के बाद पाकिस्तानी सेना ने कुछ ही घंटों में उसका उल्लंघन शुरू कर दिया था. इसके बाद शनिवार रात और रविवार सुबह तक पश्चिमी सीमा के विस्तार में ड्रोन घुसपैठ हुई.
डीजीएमओ ने यह भी कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वांछित उद्देश्यों को हासिल कर लिया है, पर ऑपरेशन ‘अभी भी जारी है.’ अगर पाकिस्तान किसी भी दुस्साहस का सहारा लेगा, तो उसे बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उधर सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने रविवार को सुरक्षा समीक्षा की और पाकिस्तान द्वारा किसी भी उल्लंघन की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने के लिए सेना कमांडरों को पूर्ण अधिकार प्रदान किए.
आज वार्ता
यकीनन पाकिस्तान के साथ रिश्तों में बहुत सावधानी बरतने की ज़रूरत है और हम सावधान हैं. जहाँ तक सकारात्मकता की बात है, लंबे अरसे बाद दोनों देशों में आज बात होगी. भले ही यह बात डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस के लेवल पर है, इसलिए वह फौजी-गतिविधियों पर केंद्रित होगी. हो सकता है कि इसके भीतर से कोई महत्वपूर्ण सूत्र निकल आए.
शनिवार की सुबह पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर भारत द्वारा किए गए सटीक हमले, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस द्वारा 9मई की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करने और ‘खतरनाक खुफिया जानकारी’ शेयर करने के कुछ घंटों बाद हुए, जिसमें कहा गया था कि संघर्ष सप्ताहांत तक जारी रहा तो लड़ाई जबर्दस्त तरीके से भड़कने का खतरा है.
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने वेंस से कहा कि पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस पर भारत की प्रतिक्रिया ‘कठोर, गहरी और बड़ी’ होगी. भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान द्वारा भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के 26स्थानों पर हमलों का जवाब हमलों से दिया था.
गोली का जवाब गोला
जानकारियाँ सामने आने तो दीजिए. ये विवरण, जो संघर्ष विराम की घोषणा के एक दिन बाद रविवार को सामने आए, 7मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी स्थलों पर हमले के बाद सरकार द्वारा सेना को दिए गए निर्देश के अनुरूप थे. प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘वहाँ से गोली चलेगी, तो यहाँ से गोला चलेगा.’
डीजीएमओ के अनुसार नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के 35-40सैनिक मारे गए हैं. इस दौरान भारत के पाँच सैन्यकर्मी भी शहीद हुए हैं. पाकिस्तान के तमाम हवाई अड्डों पर भारतीय हमलों से जो हताहत हुए हैं, उनका विवरण सेना ने अभी नहीं दिया है.
विमान गिराए
कल की ब्रीफिंग में एयर मार्शल भारती ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों को भारत में घुसने से सफलतापूर्वक रोका और ‘कुछ विमानों को मार गिराया.’ उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों की संख्या पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे क्योंकि तकनीकी विवरणों का अभी अध्ययन किया जा रहा है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे कि भारत ने कोई विमान खोया है या नहीं. उन्होंने कहा कि नुकसान किसी भी युद्ध का हिस्सा होता है और भारतीय सेना ने अपने सभी चुने हुए लक्ष्य हासिल कर लिए हैं और वायुसेना के सभी पायलट घर वापस आ गए हैं.
पाकिस्तानी सैन्य ढांचे को हुए नुकसान के बारे में उन्होंने कहा कि पसरूर एयर डिफेंस रेडार, चुनियन एयर डिफेंस रेडार, आरिफवाला एयर डिफेंस रेडार, सरगोधा एयरफील्ड, रहीम यार खान एयरफील्ड, चकलाला, सक्खर, भोलारी, जैकबाबाद में नूर खान एयर बेस के एयरफील्ड उन हवाई अड्डों में शामिल हैं जिन्हें भारतीय सटीक हमला करने वाले हथियारों ने नष्ट कर दिया.
आतंकवादी मारे गए
भारत ने उन पाँच बड़े आतंकवादियों की सूची जारी की है, जो 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान मारे गए. पहले दिन ही जब भारत ने नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया था 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए थे. इनमें इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल यूसुफ अज़हर और मुद्दसिर जैसे महत्वपूर्ण टार्गेट थे.
बहावलपुर और मुरीद्के में मारे गए इन लोगों के अंतिम संस्कार में जिस तरह से वहाँ के सेनाध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे, उससे पाकिस्तानी सत्ता-प्रतिष्ठान का बदसूरत चेहरा सामने आया है.
ऑफेंसिव डिफेंस
इस नज़रिए को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ‘ऑफेंसिव डिफेंस’ के रूप में व्यक्त करते रहे हैं. पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत ने जिन उद्देश्यों से शुरू किया था, वह पहले दिन ही हासिल हो गया था. उसके बाद की लड़ाई पाकिस्तानी कार्रवाइयों के ‘तुर्की-ब-तुर्की’ जवाब के रूप में थी.
पाकिस्तान के रक्षा-इंफ्रास्ट्रक्चर का जो नुकसान हुआ है, उसकी जानकारी रविवार को सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी ब्रीफिंग में दी है. उनकी तस्वीरें अब सारी दुनिया के मीडिया के पास हैं. पर नुकसान उतना ही नहीं हुआ है. तस्वीरें तो सैकड़ों-हजारों की तादाद में और भी होंगी.
फिलहाल हमें पहलगाम के उन छह या आठ हत्यारों को पाताल से भी खोजकर लाना चाहिए, जो ‘आतंकवाद की नाभि’ में बैठे हैं. उस नाभि पर यह पहला वार है. 10मई की शाम युद्धविराम की घोषणा होने के बाद देर रात तक संशय बना रहा कि लड़ाई रुकी भी है या नहीं. आखिरकार रुकी. इससे पाकिस्तानी सत्ता-प्रतिष्ठान के भीतर की दरारें दिखाई पड़ रही हैं.
नौसेना की भूमिका
हालांकि इस ऑपरेशन में नौसेना की सीधी भूमिका नहीं रही, फिर भी उसकी पूरी तैयारी थी. ब्रीफिंग में वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद, भारतीय सेना की संयुक्त परिचालन योजना के अनुरूप नौसेना के वाहक युद्ध समूह, सरफेस फोर्स, पनडुब्बियों और विमानन परिसंपत्तियों को पूरी युद्ध तत्परता के साथ समुद्र में तैनात कर दिया गया था.
उन्होंने कहा कि नौसेना बल उत्तरी अरब सागर में अग्रिम मोर्चे पर तैनात हैं और वे भारत द्वारा चुने गए समय पर कराची सहित समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम हैं.
उन्होंने कहा कि नौसेना की अग्रिम तैनाती के कारण पाकिस्तानी नौसेना और वायु सेना की इकाइयों को रक्षात्मक मुद्रा में रहना पड़ा, जो कि ज्यादातर बंदरगाहों के अंदर या उनके तट के बहुत करीब थी, और भारतीय नौसेना द्वारा उन पर लगातार नजर रखी जा रही थी.
(लेखक दैनिक हिन्दुस्तान के संपादक रहे हैं)
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