अर्सला खान/ नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन भट को उनके अद्वितीय साहस, देशभक्ति और ड्यूटी के प्रति पूर्ण समर्पण के लिए वर्ष 2022 में मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. यह सम्मान तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान प्रदान किया.
6 अक्टूबर 2020 की दोपहर जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में तैनात कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन भट उस समय कर्तव्य निभा रहे थे, जब एक संरक्षित व्यक्ति (Protected Person) नूननर गांव से अपने सुरक्षित आवास की ओर बढ़ रहा था. तभी आतंकवादियों ने घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.
भट ने न सिर्फ तत्परता से जवाबी फायरिंग की, बल्कि आतंकियों का साहसिक पीछा करते हुए एक आतंकी को मौके पर ही ढेर कर दिया, जबकि खुद भी गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बावजूद, उन्होंने संरक्षित व्यक्ति की जान बचाते हुए उसे उसके घर के अंदर सुरक्षित पहुंचाया.
अस्पताल में अंतिम सांस, मगर देश को मिला वीरता का प्रतीक
घायल अवस्था में कांस्टेबल भट को तत्काल एसकेआईएमएस, सौरा अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके इस अतुलनीय बलिदान को सरकार द्वारा "सर्वोच्च वीरता और उच्च स्तर की व्यावसायिकता" का उदाहरण बताया गया है. सरकारी पुस्तिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि उन्होंने कर्तव्य के प्रति असाधारण निष्ठा और राष्ट्रप्रेम का परिचय दिया.
कीर्ति चक्र, भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला शांति काल का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है. यह पुरस्कार सेना और आम नागरिकों को समान रूप से दिया जा सकता है और मरणोपरांत भी प्रदान किया जाता है. यह सम्मान उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने अत्यंत साहस, असाधारण वीरता और बलिदान का परिचय दिया हो.
वीरता की मिसाल बन गए अल्ताफ हुसैन भट
कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन भट 2022 में देश के उन गिने-चुने सुरक्षाकर्मियों में शामिल रहे, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा मरणोपरांत कीर्ति चक्र से नवाज़ा गया. जम्मू-कश्मीर पुलिस और पूरे देश के लिए वे आज एक प्रेरणा हैं, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से अपना जीवन देश और नागरिकों की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिया.