बदलाव: रमजान में पहली बार लखनऊ और मुंबई की मस्जिदों में महिलाओं को तरावीह अदा करने की इजाजत

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 23-03-2023
बदलाव: रमजान में पहली बार लखनऊ और मुंबई की मस्जिदों में महिलाओं को तरावीह अदा करने की इजाजत
बदलाव: रमजान में पहली बार लखनऊ और मुंबई की मस्जिदों में महिलाओं को तरावीह अदा करने की इजाजत

 

मलिक असगर हाशमी  शाह ताज / नई दिल्ली / मुंबई

पिछले कुछ महीने से मस्जिदों में महिलाओं को सामूहिक नमाज अदा नहीं करने देने पर सवाल खड़े किए जाते रहे हंै. इसी बहस के बीच इस रमजान लखनऊ और मुंबई की मस्जिदों में गुरूवार रात से एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. देश के इन दोनों बड़े शहरों की मस्जिदों में मर्दों के साथ औरतें भी सामूहिक तौर पर तरावीह की नमाज अदा करने नजर आएंगी.

बता दें कि रमजान के महीने में तरावीह के रूप में रात की ईशा की नमाज के तुरंत बाद कहीं आठ और कहीं 20 रिकत की विशेष नमाज अदा की जाती है.लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह में पहली बार महिलाओं को तरावीह की नमाज अदा करने की इजाजत दी जा गई है.
 
ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि ईदगाह का एक हिस्सा महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है ताकि वे इस साल रमजान में तरावीह की नमाज सामूहिक तौर से अदा कर सकें.
 
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि महिलाएं अलग गेट से प्रवेश करेंगी. वो बारादरी में नमाज अदा करेंगे. कई महिलाओं का मानना है कि तरावीह की नमाज केवल पुरुषों के लिए है, लेकिन न्यायशास्त्र और फतवे के अनुसार, इस नमाज को पुरुष और महिला दोनों ही अदा कर सकते हैं.
 
उलेमा का कहना है कि मस्जिदों के दरवाजे हमेशा महिलाओं के लिए खुले रहे हैं और रहेंगे. मुस्लिम महिलाओं ने इस बात का स्वागत किया है कि महिलाओं को ईदगाह ऐशबाग में तरावीह की नमाज अदा करने की खास व्यवस्था की गई है.
 
एक स्कूल टीचर फातिमा असद ने कहा कि इससे महिलाओं को समानता के साथ इबादत करने का माहौल मिलेगा. ईदगाह में सफाई और पर्दा का माकूल इंतजाम होने से महिलाएं वहां आराम से नमाज अदा कर सकेंगी. फातिमा असद ने कहा कि कई मुस्लिम देशों में यह प्रथा कई सालों से चली आ रही है. मुझे खुशी है कि अब लखनऊ में महिलाओं को यह अधिकार मिल गया है.
 
ऐसी व्यवस्था मुंबई की जामा मस्जिद में भी इस रमजान की गई है. महिलाओं के लिए तरावीह पढ़ने का प्रबंध किया गया है. क्राफोर्ड मार्केट, भिंडी बाजार में स्थित जामा मस्जिद में कुछ समय पूर्व महिलाओं के लिए एक खास कमरे का इंतजाम किया गया था जहां पर महिलाओं के लिए वजू करने का भी बंदोबस्त है.
 
जहां बड़ी संख्या में महिलाएं नमाज अदा करती हैं. इस साल से वह मस्जिद में तरावीह की नमाज भी अदा करेगा.
 
  mumbai jama masjid  
 
एक कदम और   

जामा मस्जिद मुंबई के चेयरमैन शोएब खतीब का कहना है कि यह पहला अवसर है, जब महिलाएं मस्जिद में तरावीह पढ़ सकेंगी. वह कहते हैं कि बड़ी संख्या में महिलाएं मस्जिद में नमाज अदा करने आती हैं.
 
उनके आने जाने का रास्ता अलग होने से किसी को भी असुविधा नहीं होती. न मस्जिद में नमाज पढ़ने आने वाले पुरुषों को और न ही महिलाओं को. शोएब खतीब ने बताया कि मस्जिद मैनेजमेंट यहां आने वाले हर नमाजी की सुख सुविधा का ख्याल रखता है.
 
महिलाओं के लिए इबादत की जगह के प्रबंध की सराहना ने हमें बहुत प्रोत्साहित किया. यही कारण है कि मस्जिद मैनेजमेंट ने ख्वातीन के लिए तरावीह पढ़ने के इंतजाम का ऐलान किया है.
    
रमजान का बेशकीमती तोहफा 

मस्जिद में नमाज अदा करने आई एक महिला ने तरावीह पढ़ने की इजाजत के ऐलान को रमजान का कीमती तोहफा करार दिया.वो कहती हैं कि मैं कभी कभी जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने आती हूं. बहुत अच्छा महसूस होता है. अब मैं पूरे रमजान तरावीह पढ़ने के लिए हर रोज मस्जिद आऊंगी.
   
नई शुरुआत 

महिलाओं के मस्जिद में आने जाने को लेकर एक लम्बे समय से बहस चली आ रही है. परंतु मुंबई की जामा मस्जिद से समय समय पर नए नए निर्णय लोगों को उत्साह से भरते रहे हैं. भिंडी बाजार में एक दुकान में काम करने वाली महिला ने बताया कि जब मस्जिद में हमारे लिए एक अलग जगह का पूरी सुरक्षा के साथ प्रबंध किया तो हम लोग मस्जिद प्रबंधन का धन्यवाद करते नहीं थक रहे थे.
 
मैं जोहर और असर की नमाज मस्जिद में पढ़ती हूं. तब से लेकर आज तक मेरी नमाज कजा नहीं हुई. मस्जिद मैनेजमेंट एक बार फिर बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने हमारे लिए फिर सोचा. अब हम भी मस्जिद में जाकर तरावीह पढ़ेंगे और ज्यादा से ज्यादा सवाब हासिल करेंगे. एक दूसरी महिला जिन का घर मस्जिद के करीब है वो कहती हैं कि मेरी हर रोज यह कोशिश होगी कि मुझे पहली सफ में जगह मिले.
 
masjid
 
तरावीह में स्वागत की तैयारी पूरी 

बिना किसी परेशानी, अपने खास रास्ते से , अपने खास कमरे तक पहुंच कर वजू कीजिए और बा जमात तरावीह की नियत बांध लीजिए. जी हां, मुंबई की जामा मस्जिद में पुरुषों के साथ महिलाएं भी इस बार तरावीह पढ़ेंगी.
 
माइक, स्पीकर और दूसरे तमाम इंतजाम कर लिए गए हैं. शोएब खतीब कहते हैं कि हमें अंदाजा है कि महिलाएं बड़ी संख्या में मस्जिद पहुंचेंगी. हम उनके स्वागत के लिए तैयार हैं.