कश्मीरः आतंकी हमले से दुखी लोगों ने सागियोट गांव में नहीं मनाया ईद का जश्न

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 22-04-2023
भारतीय सेना ने आतंकी हमले में मृत पांच सैनिकों को औपचारिक श्रद्धांजलि दी
भारतीय सेना ने आतंकी हमले में मृत पांच सैनिकों को औपचारिक श्रद्धांजलि दी

 

नयी दिल्ली. दुनिया भर के मुसलमान जहां महीने भर के उपवास के अंत में प्रार्थना और उत्सव के साथ ईद-उल-फितर मना रहे हैं, वहीं जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के सागियोट के ग्रामीण जश्न मनाने के मूड में नहीं हैं. वे एक आतंकी हमले से इस कदर दुखी हैं कि वे केवल नमाज अदा कर रहे हैं और त्योहार से दो दिन पहले गुरुवार को सेना के ट्रक पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए भारतीय सेना के पांच जवानों के सम्मान में कोई भव्य समारोह आयोजित नहीं करेंगे.

खास बात यह है कि हमले में जान गंवाने वाले पांचों जवान गांव में तैनात राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट का हिस्सा थे और जिस ट्रक में वे यात्रा कर रहे थे, वह ट्रक गुरुवार को इसी गांव में होने वाली शाम की इफ्तार पार्टी के लिए खाने का सामान लेकर जा रहा था.

इस गांव के लोग अभी तक इस हादसे को स्वीकार नहीं कर पाए हैं कि इन पांचों जवानों ने उनकी इफ्तारी का सामान लाते हुए, आतंकवादियों के खिलाफ अपने देश की रक्षा करते हुए और अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. गुरुवार को सागियोट में शाम 7 बजे होने वाली इफ्तार पार्टी के लिए फल और पैकेज्ड फूड लाने की जिम्मेदारी आरआर यूनिट को ही दी गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 4,000 लोगों के गांवों के कई प्रतिष्ठित लोगों को निमंत्रण भेजा गया था. लोगों में उत्साह था और वे शाम की पार्टी की तैयारी कर रहे थे. गांव स्थित आरआर यूनिट ने इफ्तार के लिए खाने का इंतजाम करने की जिम्मेदारी ली थी. दुर्भाग्यपूर्ण ट्रक बालाकोट के बसूनी में आरआर मुख्यालय से सामग्री ले जा रहा था और भिंबर गली क्षेत्र के रास्ते में उस पर आतंकी हमला हो गया.

ट्रक पर तीन तरफ से घात लगाकर हमला किया गया, जिसमें पांच सैनिक मारे गए. पुंछ जिले की सागियोट पंचायत के सरपंच मुख्तियाज खान ने बताया कि इफ्तार में आमंत्रित लोगों में वह भी शामिल हैं. उन्होंने उस दिन कहा था, ‘‘कैसा इफ्तार, जब हमारे पांच जवान उस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में शहीद हो गए.’’ खान याद करते हैं कि कैसे स्थानीय लोग पार्टी के लिए व्यवस्था कर रहे थे और उन्हें पता था कि परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थ आरआर कर्मियों द्वारा लाए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘शहीद हमारे गांव में तैनात आरआर यूनिट का हिस्सा थे और हमारी सहानुभति उनके परिवारों के साथ हैं.’’ उन्होंने कहा कि लगभग 3 बजे, जब लोडेड वाहन तोता गली को पार कर गया और अपने गंतव्य से सिर्फ 7-8 किमी दूर था, तब पहले से ही घात लगाकर बैठे आतंकवादियों ने उस पर कई तरफ से हमला किया. हमला सात मिनट तक चला और फोरेंसिक टीम ने कहा कि हमला तीन तरफ से था.

सेना के जवान और आस-पास के भट्टा डूरियन के ग्रामीण हमले की जगह पर सबसे पहले पहुंचे और उन्होंने पांच सैनिकों के जले हुए शव और एक जवान को बुरी तरह से घायल पाया. सड़क पर फल और अन्य डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ बिखरे हुए थे.

सरपंच ने कहा कि जैसे ही ग्रामीणों को सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से हमले के बारे में पता चला, ‘‘गांव में निराशा छा गई.’’ खान ने कहा कि उनकी पहली प्रतिक्रिया मौके पर पहुंचने की थी. हालांकि, सेना और पुलिस ने अपराध के अपराधियों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर दी थी. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने ईद पर कोई जश्न नहीं मनाने और केवल नमाज अदा करने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें