राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
यहां ईराक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) कासिम अल अराजी ने भारत के एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की. दोनों एनएसए ने आपसी रुचियों और संबंधों के विषयों पर विस्तार से चर्चा की. दोनों पक्षों ने वर्तमान में जारी द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न स्वरूपों पर विचार-विमर्श किया.
ईराक के किसी एनएसए का सात सालों बाद भारत में कैबिनेट मंत्री स्तर का दौरा है. एनएसए कासिम अल अराजी 2016-18 में ईराक के आंतरिक सुरक्षा मंत्री रह चुके हैं. वर्तमान सरकार में वह जुलाई, 2020 से एनएसए हैं.
ईराक 2017 से लगातार भारत के लिए बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश है. भारत लगभग 25 प्रतिशत कच्चा तेल ईराक से आयात करता है. ईराक इस समय भारत का पांचवां बड़ा व्यापार भागीदार है. दोनों देशों के मध्य लगभग 34.40 बिलियन डालर का कारोबार होता है. ईराक 32 बिलियन डालर का भारत को निर्यात करता है और भारत 2.4 बिलियन डालर का ईराक को निर्यात करता है. ईराक में भारत की तेल कंपनियों के लिए प्रचुर संभावनाएं हैं.
भारत ने नवंबर-दिसंबर, 2018 में करबला के अल कफील अस्पताल में आर्टीफिशियल लिम्ब फिटमेंट कैंप का आयोजन किया था, जिसकी काफी सराहना हुई थी. सेवा एवं कल्याण आधार पर लगभग 600 दिव्यांगों को प्रोस्थेटिक लिम्ब्स और जयपुर फुट उपलब्ध करवाए गए थे. इसी तरह तरके एक दूसरे कैंप की योजना बनाई जा रही है.
एक अनुमान के अनुसार लगभग 33 हजार ईराकी भारत की यात्रा करते हैं, जिनमें से ज्यादातर चिकित्सकीय उपचार के लिए भारत आते हैं. बांग्लादेश के बाद ईराक से भारतीय अस्पतालों को लगभग 170 मिलियन डालर का राजस्व मिलता है.
दोनों देशों के लोगों के बीच सदियों से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध भी रहे हैं. भारत दुनिया में मुस्लिम समुदाय का दूसरा बड़ा घर है, जिनमें शिया मुस्लिमों की बड़ी संख्या शामिल है. भारत के जायरीन बड़ी संख्या में नजफ और करबला के पवित्र स्थलों और बगदाद में शेख अब्दुल कादिर जीलानी की दरगाह का प्रतिवर्ष दौरा करते हैं.
ईराकी एनएसए ने यात्रा के दौरान भारत इलेक्ट्रनिक्स लिमिटेड का दौरा किया और ‘मेक इन इंडिया’ पहल की कई मिसालों का अवलोकन किया. उन्होंने सोसायटी आफ डिफेंस मैन्युफेक्चरर्स द्वारा आयोजित एक चर्चा सत्र में भारत के रक्षा उद्योग के कई प्रमुखों से विचार-विमर्श किया. ईराकी प्रतिनिधिमंडल ने आगरा का भी दौरा किया.