सहारनपुर. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि वह कर्नाटक सरकार के ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ (ओबीसी) की 2बी श्रेणी से मुसलमानों को हटाने के फैसले को अदालत में चुनौती देगी, जिसने उन्हें चार प्रतिशत आरक्षण दिया था. संगठन के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इस कदम को ‘मुसलमानों के साथ अन्याय’ करार दिया.
मदनी ने देवबंद में संवाददाताओं से बातचीत में तर्क दिया कि विभिन्न आधिकारिक आंकड़े और रिपोर्ट इस तथ्य की पुष्टि करते हैं कि भारत के मुसलमान आर्थिक और शैक्षिक रूप से विकास के सबसे निचले पायदान पर हैं. मदनी ने कहा, ‘‘इसलिए, कोई भी समुदाय मुसलमानों से अधिक आरक्षण का हकदार नहीं है.’’ मदनी ने कहा, ‘‘इस कदम का उद्देश्य केवल दो समुदायों के बीच कलह पैदा करना है. हम इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.’’
चार फीसदी ओबीसी मुस्लिम कोटा वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच बांटा गया है. कोटा के लिए पात्र मुसलमानों को अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के तहत वर्गीकृत किया गया है.