राकेश चौरासिया
मोपला मुस्लिम महिलाओं द्वारा मंगलसूत्र पहनने की प्रथा अनेक सामाजिक, धार्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं से जुड़ी हुई है. भारत में मंगलसूत्र को बहुत पवित्र आभूषण माना जाता है. विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार के स्वास्थ्य और प्रगति की कामना से इस पवित्र आभूषण को गले में धारण करती हैं. चूंकि मोपला समुदाय भारतीय संस्कृति में रचा-बसा हुआ है. इसलिए मोपला मुस्लिम महिलाओं में भी मंगलसूत्र पहनने का रिवाज कायम है.
सामाजिक पहलू
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विवाहित महिलाओं का प्रतीक मंगलसूत्र सदियों से भारत में विवाहित महिलाओं की पहचान रहा है. मोपला समुदाय में भी, यह परंपरा विवाहित महिलाओं की सामाजिक स्थिति का प्रतीक बन गई है.
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मंगलसूत्र को पति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है. मोपला महिलाएं इसे अपने पति के प्रति वफादारी और जीवन भर उनके साथ रहने के संकल्प के रूप में पहनती हैं.
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कुछ मोपला महिलाओं का मानना है कि मंगलसूत्र उन्हें बुरी आत्माओं से बचाता है और उनके पति और परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है.
ऐतिहासिक पहलू
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मालाबार तट पर सदियों से विभिन्न समुदायों का सह-अस्तित्व रहा है. मोपला समुदाय ने हिंदू और अन्य समुदायों से कुछ सांस्कृतिक रीति-रिवाजों को अपनाया, जिनमें मंगलसूत्र पहनना भी शामिल है.
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मंगलसूत्र पहनना मोपला समुदाय में विभिन्न संस्कृतियों के समन्वय का प्रतीक है. यह दर्शाता है कि कैसे समुदाय अपनी अनूठी पहचान बनाए रखते हुए, बाहरी प्रभावों को भी स्वीकार करते हैं.
मोपला मुस्लिम महिलाओं द्वारा मंगलसूत्र पहनना केवल एक आभूषण नहीं है, बल्कि यह सामाजिक मानदंडों, धार्मिक विश्वासों और ऐतिहासिक प्रभावों का मिश्रण है. यह उनकी विवाहित स्थिति, पति के प्रति समर्पण, धार्मिक आस्था और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है.