नई दिल्ली. मंत्रिमंडल ने बुधवार को मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण द्वारा ‘सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना’ की सुविधा के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) के गठन को मंजूरी दे दी.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना को मंजूरी दी गई है. एक लाख करोड़ रुपये की लागत से यह योजना लागू की जाएगी. इस योजना के तहत प्रत्येक प्रखंड में दो हजार टन क्षमता का गोदाम बनाया जाएगा. इसके लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति का गठन किया जाएगा. सिटी इन्वेस्टमेंट्स टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन - सिटीस 2.0 प्रोग्राम आज शुरू करने के लिए लिया गया.’’
व्यावसायिक तरीके से योजना का समयबद्ध और समान कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, सहकारिता मंत्रालय देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कम से कम 10 चयनित जिलों में एक पायलट परियोजना लागू करेगा. पायलट परियोजना की विभिन्न क्षेत्रीय आवश्यकताओं में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा, जिससे सीख को योजना के देशव्यापी कार्यान्वयन के लिए उपयुक्त रूप से शामिल किया जाएगा.