साझी तहजीबः पीलीभीत में हदीसन बेगम ने करवाया श्री रामायण का अखंड पाठ

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 10 Months ago
साझी तहजीबः पीलीभीत में हदीसन बेगम ने करवाया श्री रामायण का अखंड पाठ
साझी तहजीबः पीलीभीत में हदीसन बेगम ने करवाया श्री रामायण का अखंड पाठ

 

राकेश चौरासिया / पीलीभीत

देश भारत वर्ष की धरती में सहिष्णुता की वह शक्ति है, जो सभी संस्कृतियों और परंपराओं को समाहित करने का जज्बा रखती है और उसके ताब से विकसित होती है साझा संस्कृति. इसे यहां गंगा-जमुनी तहजीब के तौर पर जानते हैं. यहां आकर इस्लाम भी हिंदवी में घुल-मिल कर अल हिंदी हो गया. हिंदू-मुस्लिमों के साझा कंधों पर सवार हिंदुस्तान के विकास पहिया सरपट दौड़ रहा है. यहां के हर गली-कूचे में सामाजिक सद्भाव के किस्से हजारों-हजार मिल जाएंगे. ऐसी ही एक मीठी खबर पीलीभीत की है. जहां ग्राम प्रधान हदीसन बेगम ने सद्भाव के नवाचार के अंतर्गत हिंदू ग्रामवासियों की आत्मिक क्षुधा का शमन करने के लिए गुसाईं तुलसीदास रचित श्री रामायाण का अखंड पाठ करवाया.

तराई के जिले पीलीभीत के ब्लॉक मरौरी में ग्राम पंचायत दियूरी है. अमृतविचार की एक रिपोर्ट के अनुसार यहां हिंदू और मुस्लिमों की मिश्रित आबादी है, जो जात-पंथ से परे एक-दूसरे के सुख-दुख बांटने में सदा अग्रणी रही है. दियूरी के पंचायत चुनाव में युसूफ मदार की पत्नी हदीसन बेगम जीतीं, तो उन्हें मुस्लिमों के अलावा हिंदू मतदाताओं ने भी पूर्ण समर्थन देकर ग्राम्य एकता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया.

हदीसन बेगम सभी वर्गों से मिले स्नेह और समर्थन से अभिभूत हुईं और उन्होंने सेवा धर्म के निवर्हन के लिए स्वयं को मैदान में उतार दिया. कहते हैं परहित सरस धरम नहिं भाई. अचानक उनके मन में एक ख्याल आया और उसे मूर्तरूप देने के लिए उन्होंने परिवार और समर्थकों में चर्चा की, जिसका सभी ने समवेत स्वर में समर्थन किया. और वो ख्याल था श्री रामायाण का अखंड पाठ. जब गांव के हिंदू भाईयों को इस विचार का पता चला, तो उनमें भी हर्ष का पारावार न रहा.

गांव में श्री रामायाण के अखंड पाठ की तैयारियां प्रारंभ हो गईं. हदीसन बेगम ने अखंड पाठ के लिए निमंत्रण पत्र छपवाए, जिनमें अग्रगण्य विघ्नहर्ता और प्रभु श्री राम, मैया जानकी और हनुमान बाबा के चित्र छपवाए गए. उन्होंने आस-पास के गांवों में भी वितरित किया गया और लोगों को अखंड पाठ की सूचना दी गई.

नियत समय पर 15 मई को अखंड पाठ प्रारंभ हुआ और 16 मई को पाठ की पारणा हुई. इस धर्म कार्य में सभी ग्राम्यजन उल्लासपूर्वक सम्मिलित हुए और धर्म लाभ कमाया. कार्यक्रम में युसूफ मदार और हदीसन बेगम ने परिवार सहित सहभाग किया. गांव अन्य मुस्लिम भाई भी सपरिवार पाठ में पहुंचे और श्रवण किया. समापन अवसर पर 16 मई को पाठ के समापन पर आरती पश्चात अटूट भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें सभी ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया.

हदीसन बेगम ने मीडिया से कहा कि सभी धर्म लोगों को अच्छा करने की शिक्षा देते हैं और मानव को मानवता की पालना करने संदेश देते हैं. कोई धर्म बुरा नहीं है. रामायण में श्री राम ने मर्यादा का संदेश दिया. श्री राम को आलिम इमामे-हिंद कहते हैं. इसलिए वे सभी के लिए सम्माननीय हैं. उन्होंने कहा कि इस गांव की साझा संस्कृति है और सभी मिल-जुलकर रहते हैं. इसलिए उन्होंने मुस्लिमों के साथ हिंदुओं ने भी गांव का प्रधान चुना. इसलिए वे भी अपने फरायज के तौर पर हिंदू भाईयों के जीवन को सरस बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगी.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में भी नंदना-पिपरोनिया पंचायत से पहली बार चुनी गई मुस्लिम सरपंच तमन्ना खान ने इसी जनवरी में अखंड पाठ का आयोजन करवाया था और लगभग दस हजार लोगों का भंडारा भी करवाया था.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव तीन जून