मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने शनिवार को अपनी टीम में फेरबदल किया है. नई टीम 38 सदस्यों की है और इसमें 9 महिलाएं शामिल की गई हैं, लेकिन खास बात यह कि 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इसमें दो मुस्लिम समेत अल्पसंख्यक समुदाय के तीन लोगों को शामिल किया गया है.
लेकिन टीम में फेरबदल की सबसे अहम बात रही दो मुस्लिम नामों को शामिल किया जाना. उत्तर प्रदेश के विधान परिषद सदस्य तारिक मंसूर को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है इसके साथ ही केरल के अब्दुल्ला कुट्टी भी पार्टी में उपाध्यक्ष पद पर लाए गए हैं.
तारिक मंसूर पसमांदा मुस्लिम समुदाय के हैं और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे हैं. असल में पसमांदा समुदाय के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए भाजपा ने मंसूर को आगे ला रही है. मंसूर पसमांदा समुदाय के चर्चित और प्रमुख चेहरे हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तारिक मंसूर ने इस साल की शुरुआत में विश्वविद्यालय से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया.
मंसूर उन छह नामों में शामिल थे, जिन्हें उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने राज्य की विधान परिषद के सदस्यों के रूप में नामित करने के लिए राज्यपाल को भेजा था.
उन्होंने 17 मई, 2017 को पांच साल की अवधि के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिविर्सिटी के कुलपति रूप में पदभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल मई, 2022 में समाप्त होना था, लेकिन महामारी के मद्देनजर उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के बीच, केंद्र ने उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया था.
एएमयू के कुलपति के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, तारिक मंसूर ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया - जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षण और तृतीयक चिकित्सा देखभाल केंद्र है, और इसके साथ ही एएमयू में सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष भी रहे.
2023 में, तारिक मंसूर को प्रधानमंत्री ने पद्म पुरस्कार समिति के सदस्य के रूप में नामित किया.
एएमयू में उनकी प्रोफाइल में लिखा है कि मंसूर टेनिस के उत्साही खिलाड़ी हैं, जिनकी शिक्षा, इतिहास, अंतर्राष्ट्रीय मामलों और राजनीति में दिलचस्पी है.
एएमयू के कुलपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, डी.एम. (कार्डियोलॉजी), एमसीएच (न्यूरोसर्जरी), एमबीए (अस्पताल प्रशासन और इस्लामी वित्त) जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में वास्तुकला में मास्टर्स, सौर ऊर्जा में एम.टेक, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मटिरियल साइंस, हरित ऊर्जा और सतत विकास, भूकंप इंजीनियरिंग और आपदा प्रबंधन आदि विषयों की पढ़ाई भी उनके ही कार्यकाल में शुरू किए गए.