अर्सला खान/नई दिल्ली
भारतीय एडवेंचर स्पोर्ट्स के इतिहास में 21 मई 2025 का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया, जब मुंबई, महाराष्ट्र की मात्र 8 वर्ष की सैशा मंगेश राउत ने एक ऐसा कारनामा किया, जिसे सुनकर हर कोई गर्व महसूस करे. सैशा ने हिमाचल प्रदेश के विश्व-प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग स्थल बीर-बिलिंग से 2,459 मीटर (8,068 फीट) की ऊंचाई से 15 मिनट का सोलो फ्लाइट पूरा किया और दुनिया की सबसे कम उम्र की पैराग्लाइडिंग पायलट बन गईं.
यह ऐतिहासिक उड़ान न केवल सैशा की व्यक्तिगत जीत थी, बल्कि भारतीय साहसिक खेलों के लिए भी एक नया मील का पत्थर साबित हुई। हाई रेंज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी.
पैराग्लाइडिंग की दुनिया में यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था.इस उम्र में जहां ज्यादातर बच्चे स्कूल और खेल-कूद तक सीमित रहते हैं, वहीं सैशा ने कठिन प्रशिक्षण और मानसिक साहस के बल पर यह चुनौती स्वीकार की. प्रशिक्षकों के अनुसार, सैशा ने पूरी उड़ान के दौरान बेहतरीन नियंत्रण और संतुलन बनाए रखा, जो उनके आत्मविश्वास और अनुशासन का प्रमाण है.
बीते कुछ वर्षों में भारत में एडवेंचर स्पोर्ट्स के प्रति युवाओं का रुझान तेजी से बढ़ा है, लेकिन इतनी कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना सैशा को अलग और विशेष बनाता है। उनके इस कारनामे ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
सैशा मंगेश राउत का यह रिकॉर्ड आने वाले समय में कई युवा खिलाड़ियों को अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए प्रेरित करेगा, और यह साबित करेगा कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, असली ताकत हिम्मत और जुनून में है.