वली रहमानी की नई पहल: लखनऊ भी बनेगा competitive exams की तैयारी का हब

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 14-08-2025
Wali Rahmani's new initiative- Lucknow will also become a hub for preparation of competitive exams
Wali Rahmani's new initiative- Lucknow will also become a hub for preparation of competitive exams

 

मलिक असरग हाशमी/नई दिल्ली/लखनऊ

कोलकाता के सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक वली रहमानी ने गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है, जिससे लखनऊ की पहचान में एक नया अध्याय जुड़ गया है. पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल में लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से एक मॉडल स्कूल स्थापित किया, फिर ऑनलाइन कलाम लर्निंग सेंटर की शुरुआत की, और अब उन्होंने हजरतगंज, लखनऊ में कलाम रेजिडेंशियल कोचिंग सेंटर की भव्य शुरुआत की है.

 

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इस सेंटर का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को नाममात्र की फीस पर प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी कराना है, ताकि वे भी डॉक्टर, इंजीनियर या अन्य उच्च पदों पर पहुंचने का सपना पूरा कर सकें.

फिलहाल यहां केवल NEET की कोचिंग दी जाएगी, लेकिन अगले साल से JEE की तैयारी भी शुरू होगी. वली रहमानी की योजना है कि हर साल इस सेंटर में एक नया कोर्स जोड़ा जाए. अब तक NEET और JEE की कोचिंग के लिए छात्रों को पटना, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोटा जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब लखनऊ भी इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरने वाला है.

यह वही लखनऊ है जो अपने नवाबों की तहज़ीब, बड़ा इमामबाड़ा, चिकनकारी के कपड़े और कबाब के लिए मशहूर है, लेकिन अब यहां से उच्च स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की नई पहचान भी जुड़ रही है.

हजरतगंज में बने इस पहले रेजिडेंशियल कोचिंग सेंटर में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. एक बड़ी लाइब्रेरी के साथ-साथ कई रिकॉर्डिंग स्टूडियो भी तैयार किए गए हैं, जहां शिक्षक अपने लेक्चर रिकॉर्ड करेंगे, ताकि छात्रों को जरूरत पड़ने पर वीडियो के जरिए अपने डाउट्स दूर करने में सुविधा हो.

इस सेंटर का नेतृत्व देश के चर्चित बायोलॉजी शिक्षक आफि त्यागी और जाने-माने फिजिक्स टीचर आसिफ इकबाल कर रहे हैं.भले ही यहां कोचिंग नाममात्र की फीस पर दी जाएगी, लेकिन छात्रों का चयन एक कठोर प्रक्रिया से होगा, क्योंकि फिलहाल केवल 200 सीटें ही उपलब्ध हैं.

eचयन प्रक्रिया में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप भी दी जाएगी. इस सेंटर में दाखिले के लिए तीन मोबाइल नंबर—5390004501, 7080229999 और 7080693828—जारी किए गए हैं. इच्छुक छात्र इनमें से किसी नंबर पर व्हाट्सऐप करके विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

वली रहमानी की एक खासियत यह है कि वे अपने प्रोजेक्ट्स के लिए जनता से सीधा संवाद करते हैं और सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं. पश्चिम बंगाल में मॉडल स्कूल बनाने के लिए जब उन्हें 10 करोड़ रुपये की जरूरत थी, तो उन्होंने फेसबुक और यूट्यूब पर वीडियो बनाकर लोगों से केवल 100 रुपये का चंदा मांगा था.

इसी तरह, ऑनलाइन कलाम लर्निंग सेंटर की घोषणा भी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए की थी और अब रेजिडेंशियल सेंटर के बारे में भी वहीं से बताया है.कलाम रेजिडेंशियल सेंटर, कलाम लर्निंग सेंटर का ही एक्सटेंशन प्रोजेक्ट है, जिसकी शुरुआत पिछले साल 15 अक्टूबर को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिन पर हुई थी.

यह सेंटर 5वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए नीट, आईआईटी और अन्य फाउंडेशन कोर्स की तैयारी बेहद कम फीस पर कराता है. वली रहमानी ने दावा किया है कि वे देशभर के गरीब छात्रों को 50 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप देंगे. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह स्कॉलरशिप किस तरह दी जाएगी.

उनके अनुसार, नीट की कोचिंग मात्र 25 रुपये सालाना शुल्क पर, आईआईटी की कोचिंग 3000 रुपये में, और जामिया-एएमयू की प्रवेश परीक्षा की तैयारी 30 रुपये सालाना में उपलब्ध होगी.छात्र वेबसाइट या मोबाइल एप के जरिए पंजीकरण करा सकते हैं. हालांकि, वर्तमान में वेबसाइट "अंडर कंस्ट्रक्शन" है और एप पर दिखाया गया है कि असली फीस d8000 रुपये है, जिसे फिलहाल 2999 रुपये में ऑफर किया जा रहा है, वहीं जामिया-एएमयू की तैयारी 1999 रुपये के बजाय 300 रुपये में उपलब्ध है.

शिक्षण स्टाफ को लेकर एप और वीडियो में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. फिलहाल सिर्फ वली रहमानी और गणित शिक्षक आसिफ इकबाल की तस्वीरें दिखाई गई हैं, जिससे छात्रों के मन में यह सवाल है कि क्या यह संस्थान खान सर के खान ग्लोबल स्टडीज जैसी पहचान बना पाएगा.

खान ग्लोबल स्टडीज का नाम सस्ती और गुणवत्तापूर्ण कोचिंग के लिए देश-विदेश में जाना जाता है, जहां 10 मिलियन से अधिक छात्र ऑनलाइन और ऑफलाइन जुड़े हैं और 185 प्रकार के कोर्स उपलब्ध हैं.

खान ग्लोबल स्टडीज यूपीएससी की ऑफलाइन कोचिंग के लिए 79,500 रुपये सालाना फीस लेता है, लेकिन अन्य कई कोर्स बहुत कम कीमत पर उपलब्ध कराता है,जैसे RRB-ALP-टेक के लिए ऑनलाइन कोचिंग 199 रुपये और यूपीएससी RO-ARO के लिए 499 रुपये में। ऐसे में वली रहमानी का नया प्रोजेक्ट इस प्रतिस्पर्धा में कितना सफल होगा, यह आने वाला समय बताएगा.

हालांकि, एक बात साफ है—चाहे दावे कितने ही बड़े हों या सवाल कितने भी हों, इस पहल ने गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए उम्मीद की एक नई किरण जगाई है. अगर वली रहमानी अपने वादों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण और सस्ती शिक्षा देने में सफल होते हैं, तो यह उन बच्चों के लिए वरदान साबित होगा जो आर्थिक तंगी के कारण बेहतर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं.

लखनऊ का यह नया रेजिडेंशियल कोचिंग सेंटर न सिर्फ शहर की नई पहचान बनेगा, बल्कि उन सपनों को भी पंख देगा जो अब तक हालात के पिंजरे में कैद थे.

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