अब उन जरूरी दिनों में परेशान नहीं होंगी महिलाएं, गाड़ी में मौजूद रहेगी फर्स्ट एड किट

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari • 10 Months ago
अब उन जरूरी दिनों में परेशान नहीं होंगी महिलाएं, गाड़ी में मौजूद रहेगी फर्स्ट एड किट
अब उन जरूरी दिनों में परेशान नहीं होंगी महिलाएं, गाड़ी में मौजूद रहेगी फर्स्ट एड किट

 

यूनुस अलवी, मेवात/ हरियाणा

दस साल की बच्ची से लेकर 45 साल की महिला तक को किस समय सेनेट्री पैड की जरूरत पड़ जाए, यह कोई नहीं जानता है. ऐसे में अगर उनके पास फर्स्ट एड किट फॉर विमेन होगी, तो उन्हें उन जरूरी दिनों में इमरजेंसी के दौरान कहीं झांकना नहीं पड़ेगा और न ही अपने काम के स्थान पर शर्मसार होना पड़ेगा. 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पीरियड चार्ट, पेडमित्र गाली बंद घर, लाडो गो ऑनलाईन , सेल्फी अंगेस्ट डॉवरी और सेल्फी विद डॉटर जैसे सैकड़ों अभियानों का आगाज कर चुके राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एवं प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति द्वारा प्रशंसा प्राप्त सुनील जागलान ने महिलाओं से जुड़े एक नए अभियान फर्स्ट एड किट फॉर विमेन की शुरुआत की है. हरियाणा के गुरुग्राम, नूंह और जींद आदि जिलों से इस अभियान की शुरूआत की गई है.

जिसे बाद में न केवल हरियाणा, बल्कि देश के कई अन्य हिस्सों तक पहुंचाया जाएगा. जागलान के अनुसार यह चीज़ बहुत पहले ही शुरू हो जानी चाहिए थी, फर्स्ट एड किट इमरजेंसी के लिए होता है और पीरियड किसी भी महिला को कभी भी हो सकते हैं. इसलिए फर्स्ट एड में सेनेट्री नैपकिन होना भी बहुत जरूरी है. जागलान के अनुसार पीरियड से जुड़े संकोच अभी भी दूर नहीं हुए है.

सरकारें भी इसके बारे में केवल ‘विश्व मेंस्ट्रयूअल हायजीन डे’ जैसे अवसरों पर ही बात करती है, जबकि इन संवेदनशील विषयों पर हर पल बात करने की जरूरत है. सुनील और उनकी टीम ने मिलकर कुल 500 फर्स्ट एड किट तैयार किए है, जिन्हें फिलहाल हरियाणा में बांटा जाएगा और फिर धीरे-धीरे इस अभियान को अन्य राज्यों में भी चलाया जाएगा.

जागलान ने बताया कि वह अपने साथी युवाओं को इस बात के लिए तैयार कर रहे हैं कि वह अपनी गाडिय़ों में फर्स्ट ऐड किट फॉर विमेन में सैनेट्री पैड को शामिल करें. जागलान ने बताया कि वह हर समय अपने साथ गाड़ी में इस तरह की किट रखते हैं, जो भी परिचित मिलता है. उसे इस अभियान के बारे में बताकर गाड़ी में किट रखवाते हैं. सुनील के अनुसार 500 लोगों को सेनेट्री पैड वाले किट देते हुए उन्होंने अपने परिवार और अन्य लोगों को भी गाड़ी में सेनिट्री नैपकिन रखने के लिए जागरूक करने को कहा है.


क्या होगा किट में
फर्स्ट  ए ड के सामान के अलावा हर किट में सेनेट्री पैड एवं साथ में पीरियड चार्ट भी सेल्फी विद डॉटर फाऊंडेशन द्वारा दिया जाएगा .

कहां से आया आइडिया

जागलान ने बताया कि उन्हें गाड़ी में पैड रखने का ये आईडिया अपनी बेटियों के कारण आया. उन्होंने कहा कि पीरियड एक नेचुरल चीज़ है,जब हम अपनी बेटियों या घर की किसी भी महिला के साथ सफर करते हैं तो उन्हें कभी भी सेनिट्री नैपकिन की जरूरत पड़ सकती है.
इसलिए मुझे लगा कि अपनी गाड़ी में पैड रखने के लिए लोगों  जागरूक करना बहुत जरूरी है.

प्रधानमंत्री करें अपील तो देश में आएगी महिला क्रांति
सुनील जागलान द्वारा शुरू किए सेल्फी विद डॉटर अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई अपने कार्यक्रमों के माध्यम से सराह चुके हैं. जागलान के अनुसार ‘अगर प्रधानमंत्री मोदी इस बारे में बात करेंगे तो ये अभियान और बड़ा एवं कारगर हो जाएगा. इससे देश की आधी आबादी को लेकर नई क्रांति आएगी.

•हर घर में लगेगा माहवारी का चार्ट

•सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन की प्रदेश स्तर अभियान पर नई पहल की मेवात से शुरुआत

•पीरियड चार्ट में घर की सभी फीमेल सदस्यों के नाम के साथ होगी महामारी की तारीख

किशोरियों और महिलाओं को माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं व उस समय उनकी विशेष देखभाल की जरूरत को लेकर सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन ने अहम शुरुआत की है. इसके तहत माहवारी का चार्ट हर घर की दीवार पर लगाया जाएगा.
सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान कहते हैं कि माहवारी के विषय में जागरूकता का अभाव और समय से पीरियड का नहीं आना महिलाओं में कई प्रकार की बीमारियां लेकर आता है. पीरियड चार्ट में घर की सभी फीमेल सदस्यों के नाम के साथ हर महीने की महामारी की तारीख लिखी जाएगी.

इससे घर के पुरुष सदस्य भी इस विषय पर जागरूक हो सकेंगे.आज प्रदेश भर के 150 परिवारों में इस अभियान को एक साथ शुरू करवाया गया है , जिसमें अकेले मेवात के क़रीबन 40 परिवारों ने भाग लिया है. जागलान ने बताया कि आज मैरी कॉर्नर जिन्होंने पहली बार महिलाओं के लिए माहवारी  के लिए सेनेट्री बेल्ट की खोज की थी उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि स्वरूप सुनील जागलान ने यह अभियान उनको समर्पित किया है.

सुनील जागलान कहते हैं कि महिलाओं को माहवारी के समय विभिन्न समस्याओं से गुजरना पड़ता है. काफी महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन भी नहीं मिल पाते. गांव की महिलाएं हों या फिर शहर की, सेनेटरी नैपकिन मंगवाने में झिझक महसूस करती हैं. माहवारी के समय स्त्री थकान महसूस करती है. लगातार तीन-चार दिन का रक्त स्त्राव उसे कमजोर करता है.

कई महिलाओं को इस समय हाथ-पैरों में सूजन, पेट-पैर में दर्द, कमर दर्द, बुखार, भूख न लगना, कब्ज जैसी अन्य समस्याएं भी होती हैं. कुल मिलाकर माहवारी के समय स्त्री का स्वास्थ्य विशेष देखभाल की मांग करता है. उसे आराम की जरूरत होती है जिसे अति संवेदनशील पितृसत्तात्मक समाज नहीं समझता. स्त्री के इस प्राकृतिक नियम को समाज उसकी कमजोरी मानता है जो कि उनकी सोच की विकृति है.

पीरियड्स के दिनों में महिलाओं को धार्मिक  कार्य करने की किसी प्रकार से मनाही नहीं होनी चाहिए. फ़िरोज़पुर झिरका की लॉ की विधार्थी निशात रून कहती हैं कि यह शुरुआत हर घर के लिए जरूरी है. हमें सचमुच इन दिनों में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. मेवात जैसे हमारे क्षेत्र में जहां सेनेटरी पैड का नाममात्र प्रयोग होता है, वहां सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन के पीरियड चार्ट से जरूर बदलाव आएगा.

पूजा नूंह निवासी ने कहा कि पीरियड चार्ट में मेरा व मेरी मम्मी दोनो की महावीरजी की तारीख़ है , हम बहुत सहज महसूस कर रहे है . सुनील जागलान जी द्वारा इस विषय को बड़ी आसानी से समझाया है . हमारे भाईयों ने भी इस चार्ट को देखा है .
सेल्फी विद डॉटर  अभियान की ब्रॉंड एम्बेसडर की उम्मीदवार अनवी अंजुम इस्लाम ने कहा कि हमारी फाउंडेशन का यह अभियान देश में नई सामाजिक क्रांति लेकर आएगा और जैसे हमारे लडकियों के नाम की  नेम प्लेट जैसा अभियान जो प्रॉपर्टी राइट्स के नाम पर देश में पसंद किया गया, वैसे ही यह अभियान देश भर में इस विषय पर सहज संवाद शुरू करेगा .

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