मोबाइल फोन से लेकर चिप तक, भारत ने किया विनिर्माण स्वर्ण युग में प्रवेश

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 27-05-2023
मोबाइल फोन से लेकर चिप तक, भारत ने किया विनिर्माण स्वर्ण युग में प्रवेश
मोबाइल फोन से लेकर चिप तक, भारत ने किया विनिर्माण स्वर्ण युग में प्रवेश

 

नई दिल्ली. दक्षिण कोरियाई दिग्गज सैमसंग ने साल 2018 में भारत में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्घाटन किया. यूपी के नोएडा में सेक्टर 81 में 35 एकड़ में बनी इस फैक्ट्री का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया और देश को वैश्विक मैन्युफैक्च रिंग (विनिर्माण) मैप पर मजबूती से स्थापित किया.

इससे पहले भी देश ने मोबाइल मैन्युफैक्च रिंग में बड़े पैमाने पर टर्नअराउंड देखा था. 2014 से पहले दो मोबाइल मैन्युफैक्च रिंग फैक्ट्री थी और अब, 200 से अधिक मैन्युफैक्च रिंग इकाइयां भारत में स्थापित की गई हैं, जो लाखों उपकरणों का उत्पादन करती हैं और उन्हें अन्य देशों में निर्यात करती हैं.

लोकल मैन्युफैक्च र्ड मोबाइल फोन के नेतृत्व में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने फाइनेंशियल ईयर (वित्त वर्ष) 22-23 में अनुमानित 1,85,000 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक सामानों का रिकॉर्ड निर्यात देखा, जबकि फाइनेंशियल ईयर 21-22 में यह 1,16,936 करोड़ रुपये था. यानी इसमें कुल 58 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई थी.

इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के आंकड़ों के अनुसार, मोबाइल फोन निर्यात ने किसी भी वित्तीय वर्ष में पहली बार 10 बिलियन डॉलर की सीमा को पार करके वित्त वर्ष 2022-23 में अनुमानित 11.12 बिलियन डॉलर तक पहुंचकर इतिहास रच दिया. यह वृद्धि मुख्य रूप से एप्पल के कारण है जिसने वित्त वर्ष 2022-23 में अकेले भारत से निर्यात में रिकॉर्ड 5 बिलियन डॉलर को पार कर लिया है. देश ने अब आईटी हार्डवेयर (लैपटॉप, सर्वर, टैबलेट), सेमीकंडक्टर और अन्य चीजों के मैन्युफैक्च रिंग में छलांग लगा दी है.

वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर्स लिमिटेड (वीएफएसएल), फॉक्सकॉन और वेदांता समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम, ऐसा ही एक उदाहरण है. वेदांता और फॉक्सकॉन ने सेमीकंडक्टर स्थापित करने और मैन्युफैक्च रिंग प्लांट प्रदर्शित करने के लिए 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए पिछले साल गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे.

अप्रैल में, वेदांता समूह ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्च रिंग केंद्र के विकास के लिए डिस्प्ले ग्लास उद्योग से 20 कोरियाई कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. केंद्र ने पिछले हफ्ते आईटी हार्डवेयर के लिए एक अपडेटेड प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी, इस योजना के लिए कुल परिव्यय लगभग दोगुना होकर लगभग 17,000 करोड़ रुपये हो गया है.

कार्यक्रम की अवधि छह साल के लिए लागू होगी और सरकार को योजना में 2,430 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के अनुसार, आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 भारत के 300 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्च रिंग मिशन के लिए एक मुख्य स्रोत होगा, जो भारत की ट्रिलियन डॉलर डिजिटल अर्थव्यवस्था लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

आईटी हार्डवेयर पीएलआई 2.0 आईटी हार्डवेयर/सर्वर/लैपटॉप की वैश्विक वैल्यू चेन में भारत के उत्पादन और उपस्थिति का विस्तार करने पर केंद्रित है. देश ने हाल ही में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्च रिंग यूनिट्स के लिए 76,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम लॉन्च की है.

इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप में निवेश करने के लिए 1,200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था. चंद्रशेखर के अनुसार, सरकार निकट भविष्य में 100 सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है जो न केवल घरेलू बाजार के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी इनोवेटिव डिजाइन और समाधान विकसित करेंगे.

मंत्री के अनुसार, देश में जल्द ही सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 85,000 अत्यधिक कुशल पेशेवरों का एक टेलेंट पूल होगा. काउंटरपॉइंट रिसर्च और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन की हालिया संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में भारत के सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य 22.7 बिलियन डॉलर था.

उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, आईटी हार्डवेयर और औद्योगिक क्षेत्रों की महत्वपूर्ण मांग के साथ 2026 का 64 बिलियन डॉलर का पूवार्नुमान घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों द्वारा संचालित होने के लिए निर्धारित है. भारत के 'टेलीकॉम स्टैक' और औद्योगिक एप्लिकेशन्स के कुल का दो-तिहाई होने की उम्मीद है.

काउंटरपॉइंट के शोध निदेशक तरुण पाठक के अनुसार, थोड़े समय में सेंसर लॉजिक चिप्स और एनालॉग डिवाइसों जैसे एप्लिकेशन्स में घरेलू मांग द्वारा संचालित होने का एक बड़ा अवसर है.

आईएसएम के सीईओ और एमईआईटीवाई के संयुक्त सचिव अमितेश कुमार सिन्हा के अनुसार, भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक विश्वसनीय भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है और हम अगले 25 वर्षों को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक नीतियां बनाकर इस दिशा में काम कर रहे हैं.

जैसे ही भारत में 5जी रोल-आउट गति पकड़ता है, प्रधानमंत्री मोदी पहले से ही 6जी के लिए खाका तैयार कर रहे हैं. कंपनी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) मारिया मार्टिनेज ने इस महीने की शुरूआत में आईएएनएस को बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें 6जी से जुड़ने के लिए कहा है.

उन्होंने आगे कहा कि हमने 6जी के किसी भी प्रकार के संयुक्त आर एंड डी के निर्माण के बारे में बात की. भारत सहित विश्व स्तर पर 5जी रोल-आउट देखकर हम बहुत उत्साहित हैं. हम 6जी को लेकर भी बहुत उत्साहित हैं.

प्रधानमंत्री पहले ही कहा चुके हैं कि 6जी पहल इनोवेटर्स, उद्योगों और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर पैदा करेगी. मार्च में उन्होंने एक दृष्टि दस्तावेज जारी किया, जिसमें कुछ वर्षों में 6जी दूरसंचार सेवाओं को विकसित करने और लॉन्च करने की भारत की योजनाओं का विवरण दिया गया है. 

 

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