राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-जमशेदपुर
स्थानीय मस्जिद समिति और एक मुस्लिम व्यापारी ने संयुक्तरूप से रामनवमी के जुलूस में भाग लेने वाले भक्तों को बोतलबंद पानी और शर्बत वितरित किया, जो यहां के सामाजिक सद्भाव की मिसाल दर्शाता है.
दटेलीग्राफइंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 50 वर्षीय अब्दुल रफीक झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में चिरिया और मेघाहाताबुरु में अपनी लौह अयस्क खनन इकाइयों के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की टाउनशिप किरीबुरु मेंएयर कंडीशनिंग मरम्मत की दुकान चलाते हैं. वे रमजान में रोजा रख रहे हैं, लेकिन अपने सामाजिक दायित्व को समझते हुए उन्होंने रामनवमी के जुलूस में भाग लेने वालों के लिए शर्बत और बोतलबंद पानी के वितरण की व्यवस्था की.
अब्दुल रफीक ने कहा, ‘‘पिछले साल, गर्मियों में (अप्रैल में) आयोजित रामनवमी जुलूस के दौरान हम भक्तों को गर्म मौसम के कारण पानी के लिए प्यासे देखा था. मैंने तब तय किया था कि इस साल मैं अपने खर्च पर मीठा पानी और बोतलबंद मिनरल वाटर बांटूंगा. मुझे खुशी है कि मस्जिद समिति भी मेरी मदद करने के लिए तैयार हो गई है.’’
मुस्लिम व्यापारी रफीक ने गुरुवार को रामनवमी के जुलूस के लिए 500 से अधिक मिनरल वाटर की बोतलें (प्रत्येक एक लीटर क्षमता की), बर्फ के टुकड़े, दूध और रूहअफजा का ऑर्डर दिया था. रफीक ने कहा, ‘‘मैं अपने तीन मुस्लिम कर्मचारियों और अपने दो बेटों के साथ मिनरल वाटर और मीठे कोल्ड ड्रिंक चाहने वालों को वितरित करने के लिए मीना बाजार के साथ अस्थायी स्टॉल पर था. कुछ मस्जिद समिति के सदस्यों ने भी मेरी मदद की है.’’
बुधवार को यह पूछे जाने पर कि क्या इससे उनके इफ्तार कार्यक्रम में बाधा आती है, रफीक ने कहा, ‘‘हमारा इफ्तार (उपवास तोड़ने) का समय शाम 6 बजे निर्धारित है और जुलूस शाम 5 बजे समाप्त हो जाएगा. इससे हमारे शेड्यूल पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह थोड़ा थका देने वाला होगा, लेकिन हम अपने हिंदू भाई के लिए कुछ अतिरिक्त मेहनत करने के लिए तैयार हैं.’’ रफीक ने कहा, ‘‘किरीबुरु अभी भी ध्रुवीकरण से अछूता है और दोनों समुदाय एक साथ त्योहार मनाते हैं और मैं आशा करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि हम राजनीति के नाम पर देश के अन्य हिस्सों में हो रहे उन्माद से अछूते रहें.’’
किरीबुरु मस्जिद कमेटी के अधिकारी अबरार अहमद ने भी इस बात पर सहमति जताई कि इस टाउनशिप में अब तक कभी भी कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘हम शांति और सद्भाव के साथ दोनों त्योहारों में रहते हैं और मनाते हैं. हम जुलूस के दौरान राम भक्तों की सेवा करने के अब्दुल के मिशन में मदद करेंगे.’’ अहमद ने बुधवार को कहा, ‘‘वास्तव में झारखंड के कई हिस्सों में हमारे हिंदू भाइयों के लिए मुस्लिम कई दशकों से बिना किसी कलह के रामनवमी के झंडे बना रहे हैं.’’
संयोग से, चतरा और रांची सहित झारखंड के कई हिस्सों में, रामनवमी के झंडे मुसलमानों द्वारा तैयार किए जाते हैं. किरीबुरु के एक युवक मोहम्मद नसीम ईद के उपवास में भाग लेते हैं और रामनवमी के अनुष्ठान भी करते हैं.
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