क्या पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़रदारी का नाम एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी वारदात से जुड़ा है ?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-06-2025
Is Pakistan President Zardari's name linked to an international terrorist incident?
Is Pakistan President Zardari's name linked to an international terrorist incident?

 

saleemसाक़िब सलीम

दुनिया का वह कौन सा देश है, जहां के राष्ट्रपति की जेल से रिहाई के लिए आतंकवादियों ने एक हवाई जहाज का अपहरण कर लिया था ?अगर आप इसका उत्तर नहीं जानते, तो भी आपका पहला अनुमान ही सही होगा. यह देश है पाकिस्तान. यहां जिस राष्ट्रपति की बात हो रही है, वह हैं आसिफ अली ज़रदारी — बेनज़ीर भुट्टो के पति और बिलावल भुट्टो के पिता.

यह घटना 26 मार्च 1991 की है. सिंगापुर एयरलाइंस की उड़ान SQ-117 ने कुआलालंपुर से सिंगापुर के लिए उड़ान भरी थी. विमान में कुल 114 यात्री और 11 क्रू सदस्य सवार थे. इनमें 55 मलेशियाई, 21 सिंगापुरवासी, 12 जापानी, 4 ब्रिटिश, 3 अमेरिकी और बाकी कनाडा व फ्रांस के नागरिक थे. इन 114 में से चार यात्री पाकिस्तानी थे.

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उड़ान भरने के महज़ 12 मिनट के भीतर इन चार पाकिस्तानी नागरिकों ने विमान को हाईजैक कर लिया. बाद में इनकी पहचान शाहिद हुसैन सूमरो (नेता), फिदा मोहम्मद खान जादून, जावेद अख्तर कियानी और मोहम्मद यूसुफ मुग़ल के रूप में हुई.

ये लोग पायलट केबिन पर कब्ज़ा जमा चुके थे. उनके पास छह बेलनाकार छड़ें और तीन लंबी छुरियां थीं. बाद में सिंगापुर के डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक सर्विसेज (DSS) ने पुष्टि की कि वे छड़ें विस्फोटक थीं.

पाकिस्तान में उस समय बेनज़ीर भुट्टो की सरकार 1990 में हट चुकी थी और उनके पति आसिफ अली ज़रदारी को जबरन वसूली के आरोपों में जेल में डाल दिया गया था. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के कई और नेता भी, जो ज़रदारी और बेनज़ीर के करीबी थे, कराची, हैदराबाद और सक्कर की जेलों में बंद थे.

हाईजैकरों ने सिंगापुर पहुंचने के बाद विमान में ईंधन भरवाने की मांग की ताकि वे उसे लीबिया या इराक ले जा सकें. इसके साथ ही उन्होंने PPP के नेताओं की जेल से रिहाई की मांग रखी — जिसमें ज़रदारी का नाम भी शामिल था. उन्होंने पाकिस्तान के सिंगापुर स्थित राजदूत से बातचीत की मांग भी की, जिसे सिंगापुर सरकार ने मान लिया.

सिंगापुर सरकार ने हालात को संभालने के लिए बेनज़ीर भुट्टो से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. दूसरी ओर, हाईजैकर यह धमकी दे रहे थे कि वे यात्रियों को मारना शुरू कर देंगे और अमेरिकी नागरिकों को सबसे पहले निशाना बनाएंगे.

विमान 26 मार्च को रात 10:24 बजे सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर उतरा. रात 10:30 बजे तक विमान को पुलिस और सैनिकों ने घेर लिया. पायलट, हाईजैकरों और सिंगापुर सरकार के बीच संदेशवाहक का काम कर रहा था.

रात 11:20 बजे के आसपास एक फ्लाइट अटेंडेंट बर्नार्ड टैन को हाईजैकरों ने पीटा और विमान से नीचे फेंक दिया, जिससे वह 4.5 मीटर दूर रनवे पर जा गिरा/ टैन ने अधिकारियों को हथियारों और अन्य जानकारियों के बारे में बताया.

इसी बीच, हाईजैकरों ने पायलट और एक अमेरिकी यात्री को भी पीटा और विमान के एक हिस्से में शराब डालकर आग लगा दी. यह धमकी दी गई कि पूरा विमान जला दिया जाएगा. सुबह 3 बजे चीफ स्टीवर्ड फिलिप चेओंग को भी विमान से बाहर धकेला गया. उन्हें पहले बुरी तरह पीटा गया था.

सुबह 6:45 बजे हाईजैकरों ने बातचीत बंद कर दी और 10 मिनट का अल्टीमेटम दिया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे यात्रियों को मारना शुरू कर देंगे.सिंगापुर सरकार ने 6:47 पर SAF कमांडोज़ को एक्शन में जाने का आदेश दे दिया.

पिछले आठ घंटे से कमांडोज़ एक एयरबस विमान पर ऑपरेशन की रिहर्सल कर रहे थे. दो फ्लाइट स्टीवर्ड्स की मदद से सभी हाईजैकरों की पहचान पहले ही हो चुकी थी.

6:50 बजे कमांडोज़ ने विमान पर धावा बोल दिया और 30 सेकंड में सभी चार आतंकियों को मार गिराया. इस तरह, आसिफ अली ज़रदारी की जेल से रिहा होने की मंशा पूरी नहीं हो सकी. पाकिस्तान में इस हमले के बाद PPP से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें ग़ुलाम अब्बास चंदियो भी शामिल थे.

UPI की रिपोर्ट के अनुसार, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के सूचना सलाहकार शेख रशीद ने दावा किया कि हाईजैकर अल-जुल्फिकार नामक आतंकी संगठन से जुड़े थे, जिसकी स्थापना बेनज़ीर भुट्टो के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री ज़ुल्फिकार अली भुट्टो के नाम पर की गई थी और जिसका नेतृत्व उनके बेटे मुरतज़ा भुट्टो कर रहे थे.”

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यह घटना पाकिस्तान के हालात को लेकर क्या बताती है?

कई लोगों के अनुसार पाकिस्तान में आतंकवाद केवल कुछ भटके हुए तत्वों की विचारधारा नहीं है. जब पाकिस्तान में ‘प्रगतिशील’ माने जाने वाले भुट्टो परिवार के लोग भी इस तरह के आतंकवादी हमलों से जुड़ सकते हैं, तो यह दर्शाता है कि वहां की सत्ता और आतंकवाद के बीच की रेखाएं कितनी धुंधली हैं.

एक मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता दूसरे देश के विमान पर हमला करते हैं — और जिनकी रिहाई के लिए यह सब किया गया, वह बाद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनते हैं। ऐसे में उस सरकार और उस राष्ट्रपति से क्या उम्मीद की जा सकती है?

(यह लेखक के अपने विचार हैं)