अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
गंगा दशहरा के पावन अवसर पर आज अयोध्या के भव्य राम मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्रीराम के ‘राजा राम’ स्वरूप की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा विधिवत रूप से की जाएगी। यह आयोजन ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि यह सदियों के संघर्ष, श्रद्धा और प्रतीक्षा का प्रतीक है।
ज्ञात हो कि 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में राम मंदिर के गर्भगृह में की गई थी। अब मंदिर के प्रथम तल पर ‘राजा राम’ स्वरूप में प्रभु की प्रतिमा को प्रतिष्ठित किया जा रहा है।
रसिक निवास मंदिर के मुख्य पुजारी महंत रघुवर शरण ने कहा,“इस वर्ष गंगा दशहरा सिर्फ पवित्र नहीं, बल्कि ऐतिहासिक भी है। लगभग 500 वर्षों के संघर्ष के बाद ‘राजा राम’ अपने स्वरूप में पहली बार मंदिर की ऊपरी मंजिल पर प्रतिष्ठित होंगे। यह अयोध्या में श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम होगा।”
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि यह प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान पूर्वाह्न 11:25 से 11:40 बजे के शुभ मुहूर्त में सम्पन्न किया जाएगा।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा वह दिन है जब राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर माता गंगा भगवान शिव की जटाओं से होते हुए पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। यह दिन धर्म, पुण्य और लोककल्याण का प्रतीक माना जाता है।
अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम के अनुसार,“गंगा दशहरा पर किए गए सभी धार्मिक कार्य कई गुना पुण्य फल प्रदान करते हैं। संभवतः इसी कारण इस विशेष दिन को ‘राजा राम’ की प्रतिष्ठा के लिए चुना गया।”
प्रथम तल पर मुख्य राम दरबार के अलावा, राम मंदिर परिसर के आठ अन्य मंदिरों में भी आज मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। यह आयोजन पूरे वैदिक विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न होगा, जिसमें देशभर से आए विद्वान ब्राह्मण भाग लेंगे।
डॉ. अनिल मिश्रा ने कहा,“गंगा दशहरा का दिन न केवल आध्यात्मिक महत्त्व रखता है, बल्कि यह एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक भी है। यह वह क्षण है जब हमारी वर्षों की आस्था और तपस्या का प्रत्यक्ष रूप से साकार होना है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस समारोह को लेकर सोशल मीडिया पर भावुक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा:“प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या धाम में आज प्रथम तल पर श्रीराम दरबार सहित अष्ट देवालयों में देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बनने का परम सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। यह अवसर 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की नवीन अभिव्यक्ति है। सियावर रामचन्द्र की जय!”
आज का दिन अयोध्या और संपूर्ण भारतवर्ष के लिए गौरव, श्रद्धा और ऐतिहासिक उपलब्धि का दिन बन गया है।