नैनी जेलः हिंदू रखेंगे रोजा, मुस्लिम भाई कर रहे नवरात्रि का व्रत

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 23-03-2023
नैनी जेलः हिंदू रखेंगे रोजा, मुस्लिम भाई कर रहे नवरात्रि का व्रत
नैनी जेलः हिंदू रखेंगे रोजा, मुस्लिम भाई कर रहे नवरात्रि का व्रत

 

 

प्रयागराज. प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल इन दिनों सामाजिक सौहार्द स्थली बन गई है. कैदियों के बीच भी गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिल रही है. यहां कई मुस्लिम कैदी नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं, तो कई हिंदू कैदियों ने रमजान में उपवास रखने की तैयारी की है.

इस बार नवरात्रि के पहले दिन बुधवार को 13 मुसलमानों समेत 1,159 कैदियों ने उपवास रखा है. इसी तरह, 23 हिंदुओं सहित 436 कैदियों ने जेल प्रशासन को इस बार रमजान में रोजा रखने की सूचना दी है. 13 मुसलमानों (12 पुरुष और एक महिला) सहित ये कैदी नवरात्रि अनुष्ठानों का धार्मिक रूप से पालन कर रहे हैं. उनमें से लगभग 40 प्रतिशत ने नौ दिनों तक अपना उपवास जारी रखेंगे. जबकि अधिकांश लोगों से नवरात्रि के आखिरी दिन व्रत रखने की उम्मीद की जाती है.

नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशि कांत सिंह ने टीओआई को बताया, ‘‘व्रत रखने वाले हर कैदी को 750 ग्राम आलू, दो केले, 500 ग्राम दूध और 60 ग्राम चीनी दी जा रही है. इसी तरह रोजा रखने वाले कैदियों को शाम के भोजन के साथ अतिरिक्त आहार जैसे 200 ग्राम दूध, दो केले, 30 ग्राम खजूर, पाव-रोटी, बिस्कुट आदि की पेशकश की जाएगी.’’ सिंह ने कहा कि नवरात्रि व्रत रखने वाले कैदियों ने अपने बैरकों के साथ-साथ जेल परिसर में भी भजन और अन्य अनुष्ठानों में भाग लिया.

नवरात्रि को हिंदू कैलेंडर के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है और कैदी सभी अनुष्ठानों को करने के लिए काफी उत्साहित थे. सिंह ने बताया कि इसलिए कैदी सुबह जल्दी उठे, स्नान किया और पूजा की. सिंह ने कहा, ‘‘कई उपवास करने वाले कैदियों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया और भजन-कीर्तन उनके नौ दिनों के जीवन का हिस्सा होगा.’8 उन्होंने कहा कि उन्हें जेल के अनुशासन और सुरक्षा मानदंडों के अनुसार सभी अनुष्ठान करने की अनुमति है.

पहले और आठवें दिन या पूरे नौ दिनों का उपवास रखने वाले अधिकांश कैदियों को महानवमी पर यज्ञ में भाग लेने के लिए निर्धारित किया गया है. 2022 में, कुल 1,532 कैदियों ने नवरात्र के पहले और आठवें दिन उपवास किया था, जबकि उनमें से 516 ने पूरे नौ दिनों तक उपवास किया था. इसके अलावा, 2022 में लगभग 450 कैदियों ने रोजा रखा था.

 

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