बाढ़ से त्रस्त पंजाब के लिए मेवात के मुसलमान बने फरिश्ता

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 03-09-2025
Muslims of Mewat became angels for flood-stricken Punjab
Muslims of Mewat became angels for flood-stricken Punjab

 

मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली

पंजाब इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में है. राज्य के फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारन, पठानकोट और गुरदासपुर जैसे जिले सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार के अनुसार, अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1400 से अधिक गांव पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. खेत-खलिहान जलमग्न हो चुके हैं, लाखों लोग बेघर हो गए हैं और जनजीवन पूरी तरह ठप पड़ गया है. इस मुश्किल घड़ी में एक बार फिर इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए हरियाणा के मेवात क्षेत्र के मुसलमानों ने जो सहायता पहुँचाई है, वह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन गई है.

हरियाणा के मेवात क्षेत्र को अक्सर पिछड़ेपन और समस्याओं के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार वह एक नई पहचान लेकर सामने आया है,इंसानियत और भाईचारे की जीती-जागती मिसाल बनकर.

d

मेवात के गांव-गांव से राहत सामग्री इकट्ठा कर बाढ़ प्रभावित पंजाब के इलाकों में भेजी जा रही है. राशन, कपड़े, मच्छरदानियां, पशु चारा, दवाइयां और पीने का साफ पानी जैसी आवश्यक वस्तुएं बड़ी मात्रा में भेजी गई हैं.

पंजाब के मशहूर अभिनेता सोनू सूद ने सोशल मीडिया के ज़रिए देशवासियों से पंजाब की मदद की अपील की थी. उनकी इस अपील को सबसे पहले और मजबूती से समर्थन दिया मेवात के मुसलमानों ने.

हरियाणा के जींद जिले  के भी उजाना गांव से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में 150 क्विंटल गेहूं भेजा गया. गांव में बाकायदा एक जगह निर्धारित की गई जहाँ लोग जो चाहें, राहत सामग्री लाकर दे सकते थे.

मदरसों को बनाया राहत केंद्र

मेवात के लोग केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, संस्थागत स्तर पर भी सक्रिय दिखे. अंबाला के नारायणगढ़ स्थित मदरसा "जीनत उलूम" को राहत कार्यों का केंद्र बनाया गया. यहां आसपास के कई मदरसों ने मिलकर राहत सामग्री इकट्ठा की और फिर उसे पैकेट्स में बांटकर जरूरतमंदों तक पहुँचाया.

मौलाना शौकत अली के अनुसार, अब तक मदरसा जीनत उलूम से 2500 से अधिक फूड किट्स पंजाब भेजे जा चुके हैं. इसके अलावा 15 पिकअप वैन भी राहत सामग्री लेकर पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो चुकी हैं.

एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह एक बोरी में जमा पैसे (चंदा) को सार्वजनिक रूप से गिना जा रहा है ताकि पारदर्शिता बनी रहे. युवाओं की टीम, चाहे वो अंबाला से हो या पंचकूला से, राहत सामग्री की पैकिंग और लोडिंग में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रही है.

सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें मेवात के लोग बड़ी संख्या में राशन, पशु चारा, कपड़े, टेंट और दवाइयों के पैकेट लेकर पहुंचते दिख रहे हैं. कुछ वीडियो में मुसलमान पंजाब के तरनतारन और मलेरकोटला जैसे इलाकों में लंगर चलाते दिखाई दे रहे हैं.

"a.to.z_haryana" जैसे कई सोशल मीडिया पेजों पर ये वीडियोज़ ट्रेंड कर रहे हैं. Taslim Khan, Abdul Haleem और Samay Singh Salamba जैसे लोग फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म पर लगातार अपडेट्स शेयर कर रहे हैं कि उनकी टीमें पंजाब पहुंच चुकी हैं और राहत का काम कर रही हैं.

Samay Singh Salamba ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की कि उनकी टीम मलेरकोटला में पहुंची और वहां से राहत सामग्री खरीदकर सीधे बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजी. उन्होंने यह भी बताया कि शाम तक मेवात से और भी गाड़ियाँ रवाना होंगी.

सोनू सूद ने की सराहना

सोनू सूद, जो खुद पंजाब के मोगा जिले से ताल्लुक रखते हैं, ने मेवात की इस पहल को सराहा है. उन्होंने लिखा कि यह किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों की भावना का प्रतीक है. उन्होंने विशेष रूप से मदरसा नारायणगढ़ की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि "ऐसे वक्त में हम सबको एक होकर काम करना होगा."

हरियाणा सरकार भी आई आगे

केवल सामाजिक संगठनों और समुदायों ने ही नहीं, बल्कि हरियाणा सरकार ने भी इस संकट की घड़ी में पंजाब और जम्मू-कश्मीर दोनों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब और जम्मू-कश्मीर को 5-5 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेजी है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता संकट की इस घड़ी में अपने पड़ोसी राज्यों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है.

बारिश और बाढ़ से पंजाब का हाल बेहाल है. राज्य के 23 जिले प्रभावित हुए हैं. अकेले गुरदासपुर में 324 गांव जलमग्न हो चुके हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत कार्य में जुटे हुए हैं.

354,626 लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 19500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. करीब 1,48,590 हेक्टेयर में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. सरकार ने अब तक 5167 राहत शिविर स्थापित किए हैं.

मानवता की मिसाल बना मेवात

जहाँ एक ओर प्राकृतिक आपदा ने लोगों को संकट में डाल दिया है, वहीं मेवात के मुसलमानों ने यह साबित कर दिया है कि इंसानियत किसी जाति, धर्म या क्षेत्र की मोहताज नहीं होती. वे न केवल राशन और चारा पहुँचा रहे हैं, बल्कि खुद पंजाब के गांवों में जाकर लोगों की सेवा कर रहे हैं. कुछ जगहों पर वे पानी में उतरकर राहत सामग्री बाँटते भी दिखाई दिए हैं.

इलियास नाम के एक स्थानीय कार्यकर्ता ने लिखा:"अल्लाह तआला आप सभी भाइयों की हिफाज़त फरमाए और आप सभी भाइयों को नेक काम करने की तौफीक अता फरमाए, रोज़ी रोटी में बरकत दे, आमीन."यह भावनाएँ स्पष्ट करती हैं कि यह सिर्फ मदद नहीं, बल्कि एक इबादत है.

जब संकट गहराता है, तब ही असली इंसानियत सामने आती है. पंजाब की बाढ़ एक बड़ी त्रासदी है, लेकिन मेवात के लोगों की मदद ने इसे एक मानवीय आंदोलन में बदल दिया है. उन्होंने यह दिखा दिया कि मजहब इंसानियत के रास्ते में कभी रुकावट नहीं बनता, बल्कि वह तो राह दिखाता है.

मेवात ने इस बार जो भूमिका निभाई है, वह केवल पंजाब ही नहीं, पूरे देश को एक सीख देती है कि एकता, भाईचारा और सेवा की भावना ही हमें किसी भी आपदा से उबार सकती है.