मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
देश में इन दिनों दो घटनाएं एक साथ लोगों के दिल और दिमाग पर छाई हुई हैं. एक तरफ पंजाब में आई भीषण बाढ़ है, जिसने लाखों लोगों का जीवन उजाड़ दिया है, तो दूसरी तरफ पटना के खान सर का अस्पताल है, जो महज 35 रुपये में गरीबों और जरूरतमंदों का इलाज करेगा. दिलचस्प यह है कि इन दोनों घटनाओं में भारतीय क्रिकेट टीम के दो दिग्गज तेज गेंदबाज—मोहम्मद शमी और इरफान पठान,अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आए हैं.
हालांकि मुख्यधारा की मीडिया ने अब तक इस खबर को सुर्खियों में जगह नहीं दी है, न ही खिलाड़ियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर दोनों के योगदान की जमकर चर्चा हो रही है. लोग उनकी इंसानियत और सेवा भाव की खुलकर सराहना कर रहे हैं.
पंजाब की तबाही और मोहम्मद शमी का वादा
सबको मालूम है कि पंजाब इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में है. राज्य के 23 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं. लगभग 1,400 गांव पूरी तरह डूब चुके हैं. हजारों लोगों को अपने घर-आंगन छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है.
इस विकट स्थिति में मस्जिदों और मदरसों ने भी राहत केंद्र खोल दिए हैं. जगह-जगह मुसलमान समाज के लोग लंगर चलाकर पीड़ितों की मदद कर रहे हैं.इसी कठिन घड़ी में भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी ने ऐसा कदम उठाया है, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा है.
सोशल मीडिया पर वायरल जानकारी के अनुसार, शमी ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित पांच गांवों को गोद लेने का एलान किया है. इसमें केवल वित्तीय मदद ही नहीं, बल्कि उन गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और लोगों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने की जिम्मेदारी भी शामिल है.
शमी का बयान भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है:“अल्लाह ने मुझे नाम और पहचान दी है. यह शोहरत और नाम बेकार है, अगर मैं अपनी कौम और अपने लोगों के काम न आ सकूं.”
उनकी इस घोषणा ने न केवल क्रिकेट प्रेमियों को, बल्कि आम लोगों को भी गहराई से प्रभावित किया है. लोग कह रहे हैं कि जिस खिलाड़ी ने भारत को मैदान पर जीत दिलाई है, वह अब मैदान के बाहर भी इंसानियत की बड़ी जीत लिख रहा है.
35 रुपये वाला अस्पताल और इरफान पठान का योगदान
दूसरी ओर बिहार के पटना में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके खान सर लंबे समय से गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए अस्पताल बना रहे हैं. उनकी योजना है कि कोई भी व्यक्ति मात्र 35 रुपये फीस देकर इलाज करा सके.
खास बात यह है कि इस अस्पताल के लिए डायलिसिस मशीन तक जर्मनी से मंगाई गई है. खान सर ने अपने कोचिंग संस्थान में पढ़ाकर जो पैसा कमाया, उसी से इस अस्पताल का निर्माण संभव हो पाया है.
सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईद-ए-मिलादुन्नबी के मौके पर, यानी 5 सितम्बर को इस अस्पताल का उद्घाटन होने जा रहा है. और इस नेक पहल में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान भी शामिल हो गए हैं.
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इरफान पठान ने इस अस्पताल को चार एंबुलेंस गिफ्ट कीं, ताकि मरीजों को मुफ्त में अस्पताल तक लाने-ले जाने की सुविधा मिल सके. सोशल मीडिया पर उनका यह बयान काफी वायरल है:“इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं. अगर मेरी वजह से किसी की जिंदगी बच जाती है तो यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी.”
यह बयान उन तमाम लोगों के दिलों को छू गया है, जो मानते हैं कि खेल, धर्म और जाति से ऊपर उठकर इंसानियत ही सबसे बड़ा मूल्य है.
सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार
दोनों खिलाड़ियों की इस पहल पर सोशल मीडिया भर-भरकर उनकी तारीफ कर रहा है.एक यूजर ने लिखा:“पंजाब की बाढ़ ने हजारों परिवारों को तबाह कर दिया है. ऐसे मुश्किल समय में मोहम्मद शमी का पांच गांव गोद लेने का फैसला इस बात का सबूत है कि असली हीरो वे हैं, जो मैदान से बाहर भी समाज के काम आते हैं.”
दूसरे ने लिखा:“पटना में खान सर का 35 रुपये वाला अस्पताल गरीबों की जिंदगी बदल देगा. और जब इसमें इरफान पठान जैसे सितारे चार एंबुलेंस देकर जुड़ते हैं तो यह काम और भी बड़ा और मिसाल बन जाता है.”
खेल से परे सामाजिक जिम्मेदारी
क्रिकेट का मैदान खिलाड़ियों को शोहरत और पहचान देता है, लेकिन समाज की असली पहचान तब बनती है, जब वे मुश्किल वक्त में आगे आकर लोगों का सहारा बनते हैं. मोहम्मद शमी और इरफान पठान ने यह साबित कर दिया है कि एक खिलाड़ी की असली ताकत केवल उसके खेल में नहीं, बल्कि उसके दिल और कर्मों में भी होती है.
आज जब पंजाब में लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं और बिहार में गरीब इलाज के लिए परेशान हैं, तब इन दोनों खिलाड़ियों का योगदान एक उम्मीद की तरह है. उनकी यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगी कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है और सेवा से बड़ी कोई इबादत नहीं.
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