इस साजिश के पीछे की वजह मालूम करना क्यों जरूरी है

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-09-2021
इस साजिश के पीछे की वजह जाननी जरूरी क्यों है
इस साजिश के पीछे की वजह जाननी जरूरी क्यों है

 

मलिक असगर हाशमी
 
भारत से अमेरिका तक एक वर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलिया यूएस दौरे को ‘फ्लाॅप’ साबित करने में लगा है. कौन हैं वह लोग और इसके पीछे उनका उद्देश्य क्या ? यह महत्वपूर्ण सवाल इनदिनों बहस का विषय बना हुआ है.
 
चूंकि पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा कोई सियासी लाभ उठाने के लिए नहीं था. उक्त दौरे से भारत के चुनाव जीते नहीं जा सकते. अमेरिकी दौरा विशुद्ध रूप से भारत की मजबूत कूटनीतिक का क्वाड के देशों अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समक्ष प्रदर्शन था.
 
ऐसे में देश के हित में सोचने वाले सभी लोगों का यह फर्ज बनता है कि भारत सरकार की कामयाबी का बखान पूरी दुनिया के सामने की जाए. इस मामले में अधिकांश विपक्ष दलों ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरा के क्रम में उनका साथ दिया.
 
किसी दल के महत्वपूर्ण नेता ने यह साबित करने की कोशिश नहीं कि अमेरिका जाकर पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा या तीनों देशों के शिखर सम्मेलन या व्यक्तिगत मुलाकातों में अपनी बातें मजबूती से नहीं रख पाए. पीएम ने देश की उपलब्धियां बड़ी मुस्तैदी से शीर्ष नेताओं के सामने रखीं.
 
दौरे के क्रम में हर जगह मोदी की कार्यशैली की प्रशंसा की गई. कोविड वैक्सीन के लिए भारत को सराहा गया. यहां तक कि बाइडेन ने मोदी को कहा कि भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होना चाहिए. मोदी जब अमेरिका में बड़ी कंपनियों के सीईओ से मिले तो उन्हांेने न केवल मुलाकात में भरपूर दिलचस्पी दिखाई, भारत में व्यापक पूंजी निवेश का वादा भी किया.
 
 
तमाम उपलब्धियों से भारपूर पीएम मोदी के अमेरिका दौरा को नाकामयाब साबित करने में फिर भी एक वर्ग जबर्दस्त ढंग से लगा है. इसके लिए सोशल मीडिया पर कुछ एडिटेड वीडियो और फोटो डाले जा रहे हैं. एनजे यूएस के ईस्ट ब्रन्सविक में रहने वाले इरफान विर्क ने मोदी के अमेरिका दौरे की चार तस्वीरें साझा की हैं. इसमें बताने की कोशिश की गई है कि उनका अमेरिका में भव्य ढंग से स्वागत नहीं किया गया. इसके उलट राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने उन्हें ‘लोकतंत्र और गांधी के अहिंसा’ पर लेक्चर पिलाए.
 
इसके अलावा एक भारतीय न्यूज चैनल की महिला एंकर की अमेरिका में लिए गए शाॅट्स को कुछ इस तरह सोशल मीडिया पर चलाया गया जैसे मोदी जी को विदेश दौरे में अहमिति नहीं मिली. कुछ लोगों ने हद कर दी. यहां तक कह दिया कि बाइडेन ने दो पत्रकारों को पीएम मोदी से बात करने से रोक दिया.
 
इसके अलावा मोदी जी को नीचा दिखाने के लिए दो दिनों से अमेरिकी अखबार ‘न्यू याॅक टाइम्स’ का ‘फोटो शाॅप’ कतरन चलाया जा रहा है. एक ने मोदी के अमेरिका दौरे और उनके सेंट्रल विस्टा फोजेक्ट को जोड़ कर ट्वीट किया कि मोदी जी अमेरिका से इंजीनियर बनकर लौटे हैं.
 
जाहिर है, इस तरह के दुष्प्रचार के पीछे कोई गहरी मानसिकता काम कर रही है, जो नहीं चाहती है कि दुनिया के सामने भारत का डंका बजे. अंदर और बाहर ऐसे कौन लोग हैं ? इसका खुलासा अवश्य होना चाहिए. यह भी पता लगाना जरूरी है कि विदेश में भारत को नीचा दिखाने से उसका या किसी संगठन का क्या लाभ होने वाला है ?
 
यदि इस खेल में भारत के कुछ लोग शामिल हैं तो उन्होंने यूएन में स्नेहा दुबे और पीएम मोदी द्वारा इमरान खान सरकार और आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की जिस बुरी तरह धुलाई की, उसे सोशल मीडिया में क्यों नहीं साझा किया ? क्या यह ‘पिक एंड चूज’ का खेल था ?देश हित में ऐसे लोगों के बारे में पता लगाना बेहद जरूरी है.