कैमरे की नजर से अमरनाथ यात्रा 2025: आस्था, सुरक्षा और व्यवस्था का संगम

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-07-2025
Amarnath Yatra 2025 through the eyes of the camera: A confluence of faith, security and order
Amarnath Yatra 2025 through the eyes of the camera: A confluence of faith, security and order

 

श्रीनगर से तस्वीरें और रिपोर्ट बासित जरगर

अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का एक और  जत्था "हर हर महादेव" और "बम बम भोले" के जयकारों के साथ श्रद्धा और उत्साह से लबरेज होकर रवाना हुआ. जैसे-जैसे भक्त हिमालय की पावन गुफा की ओर बढ़ते हैं, पूरा वातावरण शिवभक्ति के रंग में रंग जाता है.

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बालटाल बेस कैंप में पहुंचे एक श्रद्धालु, जो लगातार 14वीं बार अमरनाथ यात्रा पर निकले हैं, ने यात्रा प्रबंधन की भूरी-भूरी प्रशंसा की. उन्होंने बताया, "मैं पंजाब के संगरूर से हूं. हर वर्ष भोले बाबा के दर्शन करने आता हूं. व्यवस्थाएं इस बार भी बेहद उम्दा हैं. जल्दी करने की कोई जरूरत नहीं... सरकार ने हर इंतज़ाम बखूबी किए हैं."

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अमरनाथ यात्रा पर निकले दूसरे जत्थे की निगरानी करता एक जवान

पहलगाम बेस कैंप से रवाना होने वाले पहले जत्थे में शामिल एक श्रद्धालु, जो पश्चिम बंगाल से आए थे, ने अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा, "हम बेहद खुश हैं. हमें कोई डर नहीं है। हमारी सरकार और सेना दोनों बहुत अच्छी हैं." उसी जत्थे के एक अन्य यात्री ने गहरी श्रद्धा जताते हुए कहा, "जो कुछ है वो भोले बाबा का है... हम तो सिर्फ़ उनके चरणों में हैं। व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं."

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कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने भी श्रद्धालुओं के उत्साह की सराहना करते हुए कहा, "यह सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि सेवा, सुरक्षा और समर्पण का महायज्ञ है. सुरक्षा बल, पिट्ठू, सेवा प्रदाता – सभी इसमें शामिल हैं. श्रद्धालुओं का जो उत्साह है, वह सचमुच बेमिसाल है. मैं कामना करता हूँ कि सभी की मनोकामनाएँ पूर्ण हों और कश्मीर सहित पूरे देश में शांति और समृद्धि बनी रहे."

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अपनी पहली अमरनाथ यात्रा कर रही दिल्ली की कविता सैनी ने भी अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा, "यह मेरी पहली यात्रा है और अनुभव अविस्मरणीय रहा. मेडिकल सर्टिफिकेट और रजिस्ट्रेशन से लेकर सुरक्षा तक – हर जगह सहयोग मिला। दिल्ली पुलिस और कश्मीर पुलिस ने हमारा पूरा साथ दिया. मैं प्रार्थना करती हूँ कि देश में शांति बनी रहे और जो हाल ही में हुआ, वह फिर कभी न हो."

38 दिनों तक चलने वाली यह पवित्र यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. श्रद्धालु दो प्रमुख मार्गों से पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान करेंगे – पहला 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक पहलगाम मार्ग (जिला अनंतनाग में), और दूसरा 14 किलोमीटर छोटा लेकिन कठिन चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग (जिला गंदेरबल में).

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2 जुलाई को जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना हुआ था. अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर इस बार सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व रूप से सख्त की गई है. पूरे यात्रा मार्ग पर सीआरपीएफ, सेना और पुलिस के 50,000 से अधिक जवानों की तैनाती की गई है.

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पूरे हौसलके साथ आगे बढ़ते अमरनाथ यात्री

सुरक्षा के लिए ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे, जैमर और फेशियल रिकग्निशन सिस्टम जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मेडिकल टीमें, एयर एंबुलेंस, और इमरजेंसी निकासी तंत्र भी हर कदम पर मुस्तैद हैं, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके.

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यह यात्रा न सिर्फ आस्था की मिसाल है, बल्कि सरकार, सेना और समाज के साझा प्रयासों की अद्वितीय झलक भी है – जहाँ श्रद्धा, सेवा और सुरक्षा एकसाथ चल रहे हैं, और भोलेनाथ की कृपा से हर यात्री के दिल में सिर्फ एक ही भावना है – “बम बम भोले!”