नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को पार्षद की हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे पूर्व गैंगस्टर और नेता अरुण गवली को जमानत दे दी है। अदालत ने यह फैसला गवली द्वारा जेल में बिताए गए लंबे समय और उसकी उम्र को देखते हुए सुनाया।
न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि गवली पिछले 17 साल और तीन महीने से जेल में बंद है और उसकी अपील अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अदालत ने यह भी कहा कि गवली की उम्र 76 वर्ष है, जिसे ध्यान में रखते हुए जमानत दी जा रही है।
पीठ ने गवली को निचली अदालत द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन जमानत देने का आदेश दिया और मामले की अंतिम सुनवाई फरवरी 2026 में तय की है।
गौरतलब है कि अरुण गवली को 2007 में शिवसेना (अविभाजित) के पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। वह 2006 में गिरफ्तार हुआ था और मुंबई की एक सत्र अदालत ने अगस्त 2012 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी, साथ ही 17 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
गवली ने बंबई उच्च न्यायालय के 9 दिसंबर 2019 के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें निचली अदालत की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा गया था।