ट्रम्प के टैरिफ विवाद के बीच चीन में शी जिनपिंग और पुतिन से मिलेंगे प्रधानमंत्री मोदी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 28-08-2025
PM Modi to meet Xi Jinping and Putin in China amid Trump's tariff dispute
PM Modi to meet Xi Jinping and Putin in China amid Trump's tariff dispute

 

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह चीन के तियानजिन में आयोजित होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। यह पीएम मोदी की सात वर्षों में पहली चीन यात्रा होगी।

मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात 31 अगस्त को जबकि पुतिन के साथ बैठक 1 सितंबर को तय है। ये मुलाकातें ऐसे समय हो रही हैं जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय निर्यातों पर भारी टैरिफ (शुल्क) बढ़ा दिए हैं, खासकर तब जब भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए है—जिस पर अमेरिका को आपत्ति है।

हाल ही में अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले इस्पात, वस्त्र और कृषि उत्पादों जैसे प्रमुख सामानों पर शुल्क बढ़ा दिया है, जो कई मामलों में 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

भारत की प्रतिक्रिया

नई दिल्ली ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें जवाबी कार्रवाई की चेतावनी और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में औपचारिक परामर्श प्रक्रिया शुरू करना शामिल है। हालांकि, भारतीय निर्यातकों ने चेतावनी दी है कि इससे आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है और विदेशों में बिक्री घट सकती है।

चीन के साथ संबंधों में धीरे-धीरे सुधार

भारत और चीन के रिश्ते 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन हाल के सैन्य और कूटनीतिक वार्तालापों के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के कुछ विवादित क्षेत्रों से दोनों पक्षों ने पीछे हटने की सहमति बनाई है। सीमा पर भारी तैनाती अब भी बनी हुई है, लेकिन तत्काल संघर्ष की आशंका में कमी आई है।

यह पीएम मोदी की चीन की पहली यात्रा है जब से उन्होंने 2018 में वुहान में शी जिनपिंग से अनौपचारिक शिखर बैठक की थी।

पुतिन से बातचीत भी अहम

यूक्रेन युद्ध के चलते पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना कर रहा रूस भारत के साथ अपने पुराने रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करना चाहता है। साथ ही, वह चीन के साथ भी नजदीकी बढ़ा रहा है। हाल ही में रूस ने भारत-चीन-रूस के त्रिपक्षीय संवाद की संभावना का संकेत भी दिया है, जिस पर तियानजिन में मोदी-पुतिन वार्ता के दौरान चर्चा हो सकती है।

SCO शिखर सम्मेलन का महत्व

इस बार के शिखर सम्मेलन में मध्य एशिया, दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के 20 से अधिक नेता शामिल हो रहे हैं। चीन के लिए यह सम्मेलन ग्लोबल साउथ (वैश्विक दक्षिण) में अपनी नेतृत्व भूमिका को प्रदर्शित करने और रूस को कूटनीतिक समर्थन देने का मौका है, जबकि भारत के लिए यह बहुपक्षीय मंचों पर अपनी सक्रियता दिखाने और वैश्विक संतुलनकारी शक्ति के रूप में भूमिका निभाने का अवसर है।