नई दिल्ली
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव डी. राजा ने अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ (आयात शुल्क) लगाए जाने को एक संप्रभु राष्ट्र पर टैरिफ युद्ध करार दिया है और केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह स्वतंत्र आर्थिक और विदेश नीति अपनाए।
डी. राजा ने एएनआई से बातचीत में कहा,"हमारी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ की कड़ी निंदा करती है। यह संप्रभु और स्वतंत्र देशों पर एक तरह का टैरिफ युद्ध है।"
उन्होंने सवाल किया,"अमेरिका कैसे तय कर सकता है कि भारत रूस से तेल खरीदे या नहीं? भारत को यह तय करने का अधिकार है कि वह किस देश से आयात करे, किसे निर्यात करे और उसकी विदेश नीति क्या हो। हम एक संप्रभु राष्ट्र हैं, अमेरिका की कठपुतली नहीं। मोदी जी को इस पर खड़े होकर बोलना चाहिए और ट्रंप प्रशासन की निंदा करनी चाहिए। भारत को अपनी स्वतंत्र आर्थिक और विदेश नीति पर कायम रहना चाहिए।"
इसी मुद्दे पर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी केंद्र सरकार से तत्काल राहत और संरचनात्मक सुधारों की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने से तमिलनाडु खासकर तिरुपुर के वस्त्र उद्योग को भारी नुकसान हुआ है।
स्टालिन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:"अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाने से तमिलनाडु के निर्यात पर गंभीर असर पड़ा है, खासतौर पर तिरुपुर के वस्त्र उद्योग को करीब ₹3,000 करोड़ का व्यापार घाटा हुआ है और हजारों नौकरियाँ खतरे में हैं।"
उन्होंने केंद्र सरकार से तुरंत राहत पैकेज और उद्योगों व श्रमिकों की रक्षा के लिए संरचनात्मक सुधार की मांग की।
गौरतलब है कि 16 अगस्त को स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस टैरिफ के असर की ओर ध्यान दिलाया था और केंद्र से निर्यातकों को विशेष वित्तीय सहायता देने का आग्रह किया था।
इस बीच, तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के.एम. सुब्रमण्यम ने एएनआई से बताया कि अमेरिका पर आधारित निटवियर निर्यातकों पर इसका सबसे अधिक असर होगा, क्योंकि उनकी निर्भरता मुख्य रूप से अमेरिका पर है।
उन्होंने कहा,"तिरुपुर भारत का एक प्रमुख निटवियर निर्यात केंद्र है। पिछले वित्तीय वर्ष में इसने ₹45,000 करोड़ मूल्य का निर्यात किया। यहां करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिलता है, जिनमें से 65% महिलाएं हैं। अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाया जाना हमारे निर्यातकों के लिए बड़ा झटका है।"
इस टैरिफ वृद्धि ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है और इसके दूरगामी आर्थिक असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।