रांची
झारखंड विधानसभा में बृहस्पतिवार को राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 और अन्य मुद्दों को लेकर भारी हंगामा हुआ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने सरकार पर शिक्षा के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध किया, जिससे प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित रही और विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई, लेकिन महज 10 मिनट बाद ही विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्य अपने-अपने मुद्दों को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही दोपहर तक स्थगित कर दी गई।
इसके बाद कार्यवाही दोपहर में फिर शुरू हुई और भोजनावकाश (दोपहर 1 बजे) तक सामान्य रूप से चली।
सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की और साथ ही विधानसभा परिसर में भीमराव आंबेडकर, सिदो-कान्हू और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की प्रतिमाएं स्थापित करने की भी मांग की।
जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, भाजपा विधायक नवीन जायसवाल (हटिया) ने विश्वविद्यालय विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इससे राज्यपाल के अधिकार सीमित हो जाएंगे और छात्र चुनावों पर रोक लगेगी। उन्होंने आरोप लगाया, "राज्य सरकार शिक्षा का राजनीतिकरण कर रही है, छात्र सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।"
उन्होंने हाल में मुठभेड़ में मारे गए सूर्या हंसदा की मौत की CBI जांच की भी मांग की।
जवाब में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि विपक्ष छात्रों को लेकर भ्रम फैला रहा है और विधेयक में छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का कोई हनन नहीं किया गया है।
इसके बाद भाजपा विधायक एक बार फिर आसन के पास पहुंच गए। सत्ता पक्ष के विधायक भी इसका जवाब देने आसन के समीप आ गए। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने और प्रश्नकाल को सुचारु रूप से चलने देने का अनुरोध किया।
अध्यक्ष महतो ने चेतावनी देते हुए कहा,"यदि प्रश्नकाल में इसी तरह व्यवधान उत्पन्न किया गया, तो अगली बार ऐसे सदस्य प्रश्न पूछने के योग्य नहीं रहेंगे।"
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल का महत्व बरकरार रखना सभी विधायकों की जिम्मेदारी है।
हालांकि, दोनों पक्षों का विरोध जारी रहा, जिसके चलते अध्यक्ष ने कार्यवाही को एक बार फिर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।