दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली 25 अगस्त को ट्रम्प से करेंगे मुलाका

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 12-08-2025
South Korean President Lee to meet Trump on August 25
South Korean President Lee to meet Trump on August 25

 

सियोल

दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे-म्युंग इस महीने के अंत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात के लिए वॉशिंगटन की यात्रा करेंगे। राष्ट्रपति कार्यालय ने मंगलवार को बताया कि 25 अगस्त को होने वाली इस शिखर वार्ता में दोनों नेता व्यापार और रक्षा सहयोग पर चर्चा करेंगे, खासकर परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया और अन्य सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र।

यह बैठक जुलाई में हुए एक व्यापार समझौते के बाद हो रही है, जिसमें अमेरिका ने दक्षिण कोरिया पर प्रस्तावित 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया और दक्षिण कोरिया से आने वाली कारों पर भी यही रियायती दर लागू करने पर सहमति जताई।

दक्षिण कोरिया ने इसके बदले अमेरिका से 100 अरब डॉलर का ऊर्जा उत्पाद खरीदने और वहां 350 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया है। राष्ट्रपति ली के प्रवक्ता कांग यू-जुंग के अनुसार, दोनों नेता सेमीकंडक्टर, बैटरी और जहाज निर्माण जैसे प्रमुख उद्योगों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा कर सकते हैं।

बैठक ऐसे समय हो रही है जब सियोल में आशंका है कि ट्रम्प प्रशासन दशकों पुराने सैन्य गठबंधन में बदलाव की मांग कर सकता है, जिसमें दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी के लिए अधिक भुगतान और सैनिकों की संख्या घटाने की संभावना भी शामिल है, क्योंकि वॉशिंगटन अब चीन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है।

कांग के अनुसार, ली और ट्रम्प उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरों के खिलाफ संयुक्त रक्षा क्षमता को मजबूत करने के साथ-साथ साझेदारी को एक “भविष्य-उन्मुख, व्यापक रणनीतिक गठबंधन” के रूप में विकसित करने पर चर्चा करेंगे, ताकि बदलते अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक माहौल का सामना किया जा सके।

ट्रम्प अपने पहले कार्यकाल से ही दक्षिण कोरिया में तैनात 28,500 अमेरिकी सैनिकों के लिए अधिक भुगतान की मांग करते रहे हैं। हाल ही में ट्रम्प प्रशासन के प्रमुख अधिकारियों, जिनमें अमेरिकी रक्षा उपसचिव एल्ब्रिज कोल्बी भी शामिल हैं, ने गठबंधन में संरचनात्मक बदलाव की इच्छा जताई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैनिकों की संख्या और उनकी भूमिका पर असर पड़ सकता है।

इस रणनीति के तहत दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया के खतरों का सामना करने में अधिक ज़िम्मेदारी उठानी पड़ सकती है, जबकि अमेरिकी सेनाएं चीन पर ध्यान केंद्रित करेंगी। इससे सियोल के लिए लाभ घट सकते हैं, जबकि लागत और जोखिम बढ़ सकते हैं।