जयंती विशेष : ग्लैमर, मोहब्बत और विवाद—श्रीदेवी के जीवन का दूसरा पहलू

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 13-08-2025
Sridevi's birth anniversary: How 'Hawa Hawai' fell in love with Boney Kapoor
Sridevi's birth anniversary: How 'Hawa Hawai' fell in love with Boney Kapoor

 

अर्सला खान/नई दिल्ली

13 अगस्त को बॉलीवुड की ‘चांदनी’ श्रीदेवी की जयंती मनाई जाती है. भारतीय सिनेमा में अपनी अदाकारी, नृत्य और करिश्मे से दर्शकों का दिल जीतने वाली श्रीदेवी का निजी जीवन भी उतना ही चर्चित रहा जितना उनका फिल्मी करियर. खासकर, उनका बोनी कपूर से विवाह और उससे पहले की घटनाएं, जो एक पारिवारिक और व्यक्तिगत उलझनों से भरी कहानी पेश करती हैं. इस अवसर पर उनके जीवन के उस अध्याय को समझना जरूरी है जिसमें प्यार, विवाद, समाज की प्रतिक्रिया और व्यक्तिगत फैसले शामिल थे.

मोना शौरी कपूर और बोनी कपूर का रिश्ता

बोनी कपूर ने 1983 में मोना शौरी कपूर से शादी की थी. मोना एक शिक्षित, सुसंस्कृत और फिल्म उद्योग से जुड़े परिवार की महिला थीं। इस शादी से उन्हें दो बच्चे हुए. अर्जुन कपूर और अंशुला कपूर. मोना और बोनी की जोड़ी इंडस्ट्री में एक आदर्श कपल मानी जाती थी. मोना अपने पति के प्रोडक्शन हाउस को भी संभालती थीं और पारिवारिक रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश करती थीं.
 
 
लेकिन 80 के दशक के अंत और 90 के शुरुआती दौर में बोनी कपूर की मुलाकात श्रीदेवी से हुई. उस समय श्रीदेवी हिंदी फिल्म उद्योग की सबसे बड़ी स्टार थीं. उनकी लोकप्रियता और प्रतिभा ने उन्हें हर निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बना दिया था.
 
श्रीदेवी और बोनी कपूर की नजदीकी

श्रीदेवी का बोनी कपूर के परिवार से परिचय उनके भाई अनिल कपूर के जरिए हुआ. बोनी कपूर ने ‘मिस्टर इंडिया’ (1987) जैसी फिल्म में श्रीदेवी को कास्ट किया, जो एक बड़ी हिट साबित हुई. इस फिल्म के दौरान दोनों के बीच पेशेवर रिश्ता और मजबूत हुआ.
 
 
 
मीडिया रिपोर्ट्स और इंडस्ट्री में चर्चा थी कि बोनी कपूर को श्रीदेवी से लगाव हो गया था। उस समय श्रीदेवी, मोना कपूर के घर में एक मेहमान के तौर पर भी रुकती थीं। मोना ने कई इंटरव्यू में स्वीकार किया कि श्रीदेवी उनके घर में उनके बच्चों के साथ समय बिताती थीं, लेकिन धीरे-धीरे अफवाहें बढ़ीं कि बोनी और श्रीदेवी का रिश्ता दोस्ती से आगे बढ़ चुका है.
 
अलगाव की परिस्थितियां

मोना कपूर ने बाद में दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें बोनी और श्रीदेवी के रिश्ते की सच्चाई का पता चल गया था. उनके अनुसार, श्रीदेवी की प्रेग्नेंसी की खबर ने उनके विवाह पर अंतिम विराम लगा दिया। मोना और बोनी का अलगाव 1996 के आसपास हुआ, लेकिन उन्होंने औपचारिक तलाक नहीं लिया था. अलगाव के बाद मोना अपने बच्चों के साथ अलग रहने लगीं, जबकि बोनी ने श्रीदेवी के साथ अपना जीवन आगे बढ़ाया.
 
 
 
इस समय बोनी कपूर को इंडस्ट्री और समाज में आलोचना का सामना भी करना पड़ा. लोगों ने मोना के साथ हुए व्यवहार पर सवाल उठाए, वहीं कुछ लोग इसे दोनों के निजी जीवन का मामला मानकर चुप रहे.
 
श्रीदेवी और बोनी कपूर का विवाह

श्रीदेवी ने 1996 में बोनी कपूर से शादी की. उस समय वह अपनी पहली बेटी जान्हवी कपूर को जन्म देने वाली थीं. इस शादी ने उस दौर में सुर्खियां बटोरीं क्योंकि यह न केवल एक बड़े फिल्म स्टार और प्रोड्यूसर का मिलन था, बल्कि इसमें पारिवारिक और नैतिक सवाल भी उठाए गए.
 
 
 
श्रीदेवी और बोनी कपूर की शादी तमिल और पंजाबी रीति-रिवाजों से हुई थी. विवाह के बाद श्रीदेवी ने फिल्मों में काम जारी रखा लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी प्राथमिकता परिवार को दे दी. जान्हवी (जन्म 1997) और खुशी (जन्म 2000) के जन्म के बाद उन्होंने फिल्मों में कम काम किया और केवल चुनिंदा प्रोजेक्ट्स में नजर आईं.
 
विवाद और आलोचना

श्रीदेवी और बोनी कपूर के रिश्ते को लेकर कई सालों तक मीडिया में चर्चाएं होती रहीं। मोना कपूर, जिन्होंने अपने जीवन के अंतिम समय तक कभी तलाक नहीं लिया, 2012 में कैंसर से निधन तक अपने बच्चों के साथ रहीं. उन्होंने हमेशा अपने बच्चों के सामने अपने व्यक्तिगत संघर्षों को ताकत और गरिमा के साथ पेश किया. अर्जुन कपूर ने कई सालों तक अपने पिता और श्रीदेवी से दूरी बनाए रखी, लेकिन 2018 में श्रीदेवी के अचानक निधन के बाद पारिवारिक रिश्तों में कुछ हद तक सुधार आया.
 
 
 
श्रीदेवी की जयंती पर यह याद करना जरूरी है कि उनकी जिंदगी केवल फिल्मों की ग्लैमर से भरी नहीं थी, बल्कि उसमें भावनाओं, रिश्तों और विवादों की जटिल परतें भी थीं। बोनी कपूर और मोना कपूर का अलगाव और फिर बोनी का श्रीदेवी से विवाह, यह एक ऐसा अध्याय है जिसने न केवल उनके जीवन बल्कि इंडस्ट्री के सामाजिक दृष्टिकोण को भी प्रभावित किया.
 
 
 
श्रीदेवी का जीवन एक प्रेरक उदाहरण है कि कैसे एक महिला अपने करियर और परिवार दोनों को संभाल सकती है, भले ही परिस्थितियां कठिन और आलोचना से भरी हों. उनकी यादें, उनकी फिल्में और उनका जीवन आज भी दर्शकों और प्रशंसकों के दिलों में उतनी ही ताजा हैं.