आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाने वाला करतारपुर साहिब गुरुद्वारा बाढ़ की चपेट में आ गया है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल ज़िले में स्थित यह ऐतिहासिक धाम, जहां गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए थे, रावी नदी के उफान के कारण आंशिक रूप से डूब चुका है.
सोशल मीडिया और स्थानीय रिपोर्टों में दिखाया गया है कि दरबार साहिब परिसर तीन से चार फ़ुट तक पानी में डूबा हुआ है. पानी गर्भगृह (संक्तम) तक पहुँच गया है, लेकिन प्रशासन ने पुष्टि की है कि गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप और सेवक (सेवादार) सुरक्षित रूप से पहली मंज़िल पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं. बचाव दल अलर्ट पर हैं और स्थिति बिगड़ने पर तुरंत निकासी की जाएगी.
बाढ़ के कारण भारत के गुरदासपुर से पाकिस्तान के करतारपुर तक जाने वाला करतारपुर कॉरिडोर बंद कर दिया गया है. यह कॉरिडोर 2019 में खोला गया था, जो सिख श्रद्धालुओं को वीज़ा-फ़्री यात्रा की सुविधा देता है. ग़ुरदासपुर प्रशासन ने बताया कि कॉरिडोर के कुछ हिस्से भी पानी में डूबे हुए हैं.
पंजाब में यह बाढ़ पिछले एक दशक की सबसे भयावह मानी जा रही है. अत्यधिक मानसूनी बारिश और भारतीय बांधों से छोड़े गए पानी ने संकट और बढ़ा दिया है. जसर पर रावी नदी में 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी बह रहा है, जिसका असर रात तक लाहौर के शाहदरा इलाके में दिखाई देने की आशंका है. प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है। कई परिवार विस्थापित हो चुके हैं और फ़सलों व पशुओं को भारी नुकसान पहुँचा है.
🛑 پنجاب کی صورتحال سنگین ہوگئی، کرتار پور سیلاب کی نذر ہوگیا 🌊#Flood #Pakistan pic.twitter.com/a7Xtop3c1J
— Destination Pakistan 🇵🇰 (@destinationpak) August 27, 2025
करतारपुर की ऐतिहासिक महत्ता
करतारपुर साहिब वही स्थल है जहां गुरु नानक देव जी ने जीवन के अंतिम 18 वर्ष एक गृहस्थ के रूप में बिताए थे. यहाँ वे खेती करते और अपने उपदेशों का प्रचार करते रहे. सैकड़ों वर्षों में रावी नदी का बहाव बदलने से उनका मूल निवास आज भारत-पाक सीमा के दोनों ओर फैल गया है.
गुरुद्वारा परिसर में वह 500 साल पुराना कुआँ भी है जो गुरु नानक के समय का माना जाता है. साथ ही, यहाँ उनकी मक्का यात्रा के दौरान मिला चोला (वस्त्र) सहित कई विरासतें सुरक्षित हैं.
Gurduwara #kartarpur sahib submerged in high flood of River Ravi.
Houses, fields have all inundatedpic.twitter.com/yKPoylHNMA— Discover Pakistan 🇵🇰 | پاکستان (@PakistanNature) August 27, 2025
संकट के बीच आस्था का प्रतीक
सारी दुनिया के करोड़ों सिखों के लिए करतारपुर साहिब सिर्फ़ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सीमाओं से परे शांति और आस्था का प्रतीक है. इसका बाढ़ में डूबना न केवल मौजूदा प्राकृतिक आपदा की भयावहता को दर्शाता है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि जलवायु संकट दक्षिण एशिया की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों के लिए बड़ा ख़तरा बन चुका है.