Israeli Ambassador Reuven Azar said—Modern technology of wastewater management is being shared with India
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
नई दिल्ली [भारत], 28 अगस्त (ANI): भारत में इज़राइल के राजदूत रियूवेन अज़ार ने गुरुवार को कहा कि तेल अवीव में अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए अपनाई गई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल अब भारत में भी साझा किया जा रहा है।
दक्षिण एशिया वॉटर एक्सपो में शामिल होते हुए अज़ार ने बताया कि इज़राइल में 95 प्रतिशत से अधिक अपशिष्ट जल का उपचार विभिन्न तकनीकों के ज़रिए किया जाता है। उन्होंने कहा, “जल की ज़रूरी आपूर्ति बनाए रखने के लिए हमने सिंचाई प्रणालियों और प्रबंधन तकनीकों के ज़रिए जल दक्षता पर ध्यान दिया है, जिससे पानी की बर्बादी को रोका जा सके। इसके अलावा, हमने अपशिष्ट जल के उपचार में निवेश किया है। आज 95 प्रतिशत से अधिक गंदे पानी को साफ कर कृषि में इस्तेमाल किया जाता है और हमारी लगभग 70 प्रतिशत फसलें इसी पुनर्चक्रित पानी से सिंचित होती हैं।”
राजदूत ने कहा कि सिंचाई, शुद्धिकरण, विलवणीकरण और नेटवर्क प्रबंधन के मिश्रण से इज़राइल ने न केवल अपनी ज़रूरतें पूरी कीं बल्कि अपने पड़ोसी देशों को भी मदद दी। “हम शहरी उपभोग के लिए विलवणीकरण (desalination) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि इज़राइल की जनसंख्या में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है। इन प्रयासों की बदौलत हम न केवल अपनी बल्कि पड़ोसी देशों की ज़रूरतें भी पूरी कर पा रहे हैं। यही तकनीकें भारत में भी साझा की जा रही हैं,” उन्होंने जोड़ा.
इस बीच अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के सवाल पर अज़ार ने कहा कि यह एक अस्थायी मुद्दा है, जिसे जल्द ही हल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह एक अस्थायी समस्या है और जल्द सुलझ जाएगी क्योंकि दोनों देशों के बीच सहयोग जारी रखने में समान रुचि है। इसका भारत-इज़राइल रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
गौरतलब है कि 2023 में इज़राइल और भारत ने मिलकर ‘इंडिया-इज़राइल सेंटर ऑफ वॉटर टेक्नोलॉजी (CoWT)’ स्थापित करने के लिए साझेदारी की थी। यह केंद्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में जल संसाधन प्रबंधन और जल तकनीक के क्षेत्र में काम कर रहा है. इस पहल का एलओआई (Letter of Intent) 9 मई 2023 को नई दिल्ली में उस समय हस्ताक्षरित हुआ था, जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और इज़राइल के तत्कालीन विदेश मंत्री एली कोहेन मौजूद थे.
अज़ार के बयान से यह साफ है कि भारत और इज़राइल के बीच तकनीकी सहयोग, विशेषकर जल प्रबंधन के क्षेत्र में, लगातार गहरा रहा है और आने वाले समय में यह साझेदारी दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.