अफगानिस्तान में पेशावर पुलिस लाइन में विस्फोट की साजिश रची गई थीः पाकिस्तान

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 18-03-2023
अफगानिस्तान में पेशावर पुलिस लाइन में विस्फोट की साजिश रची गई थीः पाकिस्तान
अफगानिस्तान में पेशावर पुलिस लाइन में विस्फोट की साजिश रची गई थीः पाकिस्तान

 

 

पेशावर. पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधी विभाग (सीटीडी) ने शुक्रवार को कहा कि पेशावर पुलिस लाइन्स विस्फोट की योजना तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के जमातुल अहरार समूह द्वारा अफगानिस्तान में बनाई गई थी. सीटीडी पेशावर के अतिरिक्त आईजी शौकत अब्बास ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पेशावर विस्फोट के मास्टरमाइंड का पता लगा लिया गया है.

एआरवाई न्यूज ने बताया कि पेशावर के पुलिस लाइन इलाके में 30 जनवरी को जुहर की नमाज के दौरान एक मस्जिद में शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसमें 84 लोग मारे गए और 235 अन्य घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर पुलिस अधिकारी थे. सीटीडी अधिकारी ने कहा कि गफ्फार उर्फ सलमान आत्मघाती हमले का मास्टरमाइंड था, जो आत्मघाती हमलावर ‘कारी’ के संपर्क में था. उन्होंने सूत्रधार के नाम का भी पता लगा लिया है, जो सुरक्षा मुद्दों के कारण प्रकट नहीं होगा. अब्बास के अनुसार, सीटीडी ने इम्तियाज नाम के पेशावर लाइन्स विस्फोट में शामिल एक अन्य आतंकवादी को गिरफ्तार किया, जो अफगानिस्तान के कुंदुज प्रांत में प्रशिक्षण के अधीन था. इम्तियाज एक आत्मघाती हमलावर भी था, जिसे कारी की विफलता के मामले में खुद को उड़ा देना पड़ा था. पेशावर सीटीडी ने पहले पेशावर की पुलिस लाइन में मस्जिद में खुद को उड़ाने वाले बम हमलावर और उसके मददगारों के बारे में जानकारी देने वाले को 10 मिलियन पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) इनाम देने की घोषणा की थी.

पाकिस्तान स्थित डॉन अखबार ने खबर दी है कि हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा में हजारों लोग शांति की मांग करते हुए क्षेत्र में उग्रवाद के पुनरुत्थान के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और पेशावर की पुलिस लाइन मस्जिद पर हाल ही में हुए क्रूर हमले की निंदा की. मोहमंद, मलकंद, लक्की मारवात और अन्य क्षेत्रों में ‘उलासी पासून’ (सार्वजनिक विद्रोह) के नारे के तहत शांति रैलियां आयोजित की गईं.

मोहमंद रैली में भाग लेने वाले नेताओं में पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) के नेता मंजूर पश्तीन और अवामी नेशनल पार्टी के प्रांतीय महासचिव सरदार हुसैन बाबाक शामिल थे. रैली में भाग लेने वालों में ज्यादातर युवा थे जो सफेद झंडे, तख्तियां और बैनर लिए हुए थे, जो सरकार से उग्रवाद को खत्म करने और स्थायी शांति सुनिश्चित करने की मांग कर रहे थे. इस मौके पर किसी तरह की अप्रिय घटना न हो इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.

 

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