Ahead of Iran-IAEA talks, Tehran says negotiations will be 'technical' and 'complex'
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ईरान ने सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ होने वाली वार्ता “तकनीकी” और “जटिल” होगी. यह बयान ऐसे समय आया है जब IAEA का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल, पिछले महीने तेहरान द्वारा एजेंसी से संबंध तोड़ने के बाद, पहली बार दौरे पर आने वाला है.
पिछले जून में इज़रायल और अमेरिका द्वारा ईरान पर 12 दिनों तक चले हवाई हमलों के दौरान कई अहम ईरानी परमाणु ठिकाने निशाना बनाए गए थे। इसके एक दिन पहले, 12 जून को IAEA बोर्ड ने आरोप लगाया था कि ईरान ने अपने परमाणु अप्रसार दायित्वों का उल्लंघन किया है. इस हमले और बयानबाज़ी के बाद दोनों पक्षों के रिश्ते और बिगड़ गए.
IAEA ने इस दौरे को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. एजेंसी के उपप्रमुख के नेतृत्व में होने वाली इस यात्रा में ईरान के किसी भी परमाणु ठिकाने का निरीक्षण शामिल नहीं होगा.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बगाई ने कहा कि वार्ता के दौरान विदेश मंत्री अब्बास अराघची के साथ बैठक संभव है, लेकिन “यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि इन तकनीकी और जटिल बातचीतों का नतीजा क्या होगा.” उन्होंने जून युद्ध के दौरान IAEA की “चुप्पी” की आलोचना करते हुए कहा कि “एक देश की शांतिपूर्ण परमाणु सुविधाएं, जो 24 घंटे निगरानी में थीं, हमलों का निशाना बनीं, लेकिन एजेंसी ने समझदारी और विवेकपूर्ण प्रतिक्रिया देने के बजाय मौन साध लिया.”
अराघची पहले ही संकेत दे चुके हैं कि अब IAEA के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (Supreme National Security Council) की मंजूरी से ही होगा। यह कदम संभवतः निरीक्षकों की ईरान के परमाणु कार्यक्रम तक पहुंच को और सीमित कर देगा.
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने 3 जुलाई को IAEA के साथ सहयोग निलंबित करने का आदेश दिया था, जब अमेरिकी हमलों में ईरान के तीन बड़े परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया था। इज़रायल के साथ उस हवाई युद्ध में करीब 1,100 लोग मारे गए थे, जिनमें कई वरिष्ठ सैन्य कमांडर भी शामिल थे। जवाबी हमलों में ईरान ने इज़रायल में 28 लोगों की जान ली थी.
पिछले वर्षों में भी ईरान ने पश्चिमी देशों के साथ परमाणु समझौते पर दबाव बनाने के लिए IAEA निरीक्षणों को सीमित किया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि तेहरान और वॉशिंगटन के बीच परमाणु कार्यक्रम पर नई वार्ता कब शुरू होगी। हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और IAEA का आकलन है कि ईरान का संगठित परमाणु हथियार कार्यक्रम 2003 में ही समाप्त हो गया था, लेकिन हाल के वर्षों में तेहरान ने 60% तक यूरेनियम संवर्धन किया है, जो हथियार-ग्रेड स्तर (90%) से एक तकनीकी कदम दूर है.