Rajya Sabha: Kharge said that not holding discussion on SIR is against the Constitution, Nadda hits back
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को दावा किया कि सरकार एसआईआर के मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं होने दे रही है, जो संविधान के विरूद्ध है, वहीं सदन के नेता जे पी नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष की चर्चा में कोई रुचि नहीं है और वह व्यवधान उत्पन्न कर प्रजातंत्र और संसद को ‘बंधक’ बनाना चाहता है.
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर बाद तीन बजे जब उच्च सदन की बैठक शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष खरगे ने आसन की अनुमति से व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सभी विपक्षी दलों के सदस्य मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा उठाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए क्योंकि इसमें दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यकों के बहुत सारे सदस्यों को छोड़ा जा रहा है.
खरगे ने कहा कि यदि संसद एवं लोकतंत्र को जिंदा रखना है तो इस विषय पर आसन को चर्चा की अनुमति देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति नहीं दिया जाना संविधान के विरूद्ध होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि सदन चले और एसआईआर सहित सभी जरूरी मुद्दों पर चर्चा हो किंतु भाजपा की सरकार नहीं चाहती कि सदन चले और किसी भी मुद्दे पर चर्चा हो सके.
इसके उपरांत आसन की अनुमति से बोलते हुए सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि विपक्ष का यह जो व्यवहार है, वह संसद को सुचारू रूप से नहीं चलने देने के लिए सोची-समझी चाल है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को स्वस्थ लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने 21 जुलाई को ही यह कह दिया था कि वह किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन वह (मुद्दा) संविधान सम्मत और नियमों के अनुसार होना चाहिए.
नड्डा ने कहा कि खरगे ने व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर एसआईआर का मुद्दा उठाया और एक राजनीतिक वक्तव्य दिया, जिसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाना चाहिए.