प्रियंका गांधी ने फलस्तीन पर भारत सरकार की चुप्पी की आलोचना की

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 12-08-2025
Priyanka Gandhi criticized the Indian government's silence on Palestine
Priyanka Gandhi criticized the Indian government's silence on Palestine

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने मंगलवार को कहा कि इजराइल ‘‘नरसंहार’’ कर रहा है और उन्होंने भारत सरकार पर आरोप लगाया कि वह फलस्तीन के लोगों पर इजराइल द्वारा ‘‘बरपाए जा रहे कहर पर चुप’’ है.
 
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘इजराइली सरकार ने 60,000 से अधिक लोगों की हत्या की है, जिनमें 18,430 बच्चे शामिल हैं.
 
उन्होंने कहा, ‘‘इसने कई बच्चों समेत सैकड़ों लोगों को भूखा रखकर मार दिया है और अब लाखों को भूखा मारने की धमकी दे रहा है.
 
प्रियंका गांधी ने कहा कि इन अपराधों पर चुप रहना और कोई कार्रवाई न करना भी एक अपराध है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि भारत सरकार फलस्तीन के लोगों पर इजराइल द्वारा बरपाए जा रहे इस कहर पर चुप है.
 
कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा कि अल-जज़ीरा के पांच पत्रकारों की ‘‘निर्मम हत्या’’ फलस्तीनी सरजमीं पर किया गया एक और घृणित अपराध है.
 
उन्होंने कहा कि सच्चाई के लिए खड़े होने का असीम साहस, इजराइल की हिंसा और नफरत से कभी नहीं तोड़ा जा सकता.
 
अल-जज़ीरा मीडिया नेटवर्क के अनुसार, गाजा सिटी में पत्रकारों के शिविर पर किए गए एक लक्षित इजराइली हमले में अल-जज़ीरा के पत्रकार अनस अल-शरीफ और उनके चार सहकर्मियों की मौत हो गई.
 
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘अल-जज़ीरा के पांच पत्रकारों की निर्मम हत्या फलस्तीनी सरजमीं पर किया गया एक और जघन्य अपराध है.
 
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सच्चाई के लिए खड़े होने का असीम साहस, इजराइली हिंसा और नफरत से कभी नहीं टूटेगा.
 
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी दुनिया में जहां मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्ता और व्यापार का गुलाम बन चुका है, इन बहादुर लोगों ने हमें सच्ची पत्रकारिता का मतलब याद दिलाया। उनकी आत्मा को शांति मिले.
 
प्रियंका गांधी गाजा में इजराइल की कार्रवाई के खिलाफ लगातार आवाज उठा रही हैं और फलस्तीनियों के साथ एकजुटता जता रही हैं.
 
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने सोमवार को पत्रकारों के शिविर को निशाना बनाने वाले रविवार के हवाई हमले की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया.