आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) राजधानी में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए एक विस्तृत योजना के तहत सभी 12 नगर निगम जोन में कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाएगा और आवारा कुत्तों की सूचना देने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन शुरू करेगा. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि हर महीने औसतन 10,000 कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जा रहा है.
उच्चतम न्यायालय, जो आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के निर्देश देने वाले उसके पूर्व के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बृहस्पतिवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की सारी समस्या स्थानीय अधिकारियों की ‘‘निष्क्रियता’’ के कारण है, जिन्होंने इस मामले में ‘‘कुछ नहीं’’ किया.
स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि आश्रय योजना पर काम चल रहा है, लेकिन भूमि आवंटन अब भी एक चुनौती बना हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘‘हेल्पलाइन के जरिए निवासी आवारा कुत्तों के बारे में एमसीडी को सूचित कर सकेंगे, जिसके बाद नगर निगम की टीम उन्हें पकड़ेंगी.
शर्मा ने कहा कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण में तेजी लाने के लिए और ज्यादा गैर-सरकारी संगठनों को शामिल किया जा रहा है.
एमसीडी के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक कुत्तों के काटने के 26,334 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.