Shahnaz Hussain: बरामदे में प्रोडक्‍ट बेचने से लेकर International Brand तक

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 27-10-2023
Shahnaz Hussain: From selling products in the verandah to becoming an international brand
Shahnaz Hussain: From selling products in the verandah to becoming an international brand

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली

देश विदेश में छाई हुई शहनाज हुसैन को कौन नहीं जानता क्या आपको मालूम है कि एक वक्त था जब शहनाज हुसैन अपने प्रॉडक्ट्स घर के बरांडे में बेचती थी और आज उनका एक खुद का ब्रांड स्थापित हो चुका है तो आज आपको लेकर चलते हैं शहनाज हुसैन की उद्यमशील यात्रा पर. 15 साल की छोटी उम्र Ajit ही उनकी शादी हो गई थी. घर की तमाम जिम्‍मेदारियां उन पर पड़ गई थीं. लेकिन, उन्‍होंने फैसला कर लिया था कि वह इनसे ऊपर उठकर कुछ करेंगी. 
 
इसके बाद में शहनाज हुसैन ने अपने हर्बल और आयुर्वेदिक प्रोडक्‍ट बनाकर पूरी दुनिया में धाक जमाई. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) से भी उनकी दोस्‍ती रही है. 2006 में शहनाज हुसैन को पद्मश्री सम्‍मान से नवाजा गया था. शहनाज ने तय कर लिया था कि वह सिर्फ घर में पत्‍नी और मां की भूमिका तक सीमित नहीं रहेंगी. उन्‍हें कुछ बड़ा करना है. उनके पिता जस्टिस नासिर उल्‍ला बेग इलाहाबाद हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस थे.
 
पिता की मदद से हेलेना रुबिनस्‍टीन स्‍कूल में उन्‍होंने दाखिला लिया. यहां से ब्‍यूटी टेक्‍नीक्‍स की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्‍होंने जर्मनी में इसी से जुड़े कोर्स किए. भारत लौटने पर उन्‍होंने अपनी कॉस्‍मेटिक फर्म शुरू की.
 
1971 में खोली पहली हर्बल क्‍लीनिक
शहनाज हुसैन की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज के सेंट मैरीज कॉन्‍वेंट इंटर कॉलेज में हुई. जब शहनाज के पति नासिर हुसैन तेहरान में पोस्‍टेड थे, तभी उन्‍होंने आयुर्वेद की पढ़ाई की. इसके बाद उन्‍होंने कॉस्‍मेटिक थिरेपी और कॉस्‍मेटोलॉजी की भी ट्रेनिंग की.
 
शहनाज ने भारत लौटने पर 1971 में पहली हर्बल क्‍लीनिक खोली थी. अगले कुछ सालों में उन्‍होंने 'द शहनाज हुसैन ग्रुप' की स्‍थापना की. शहनाज को उद्योग के क्षेत्र में कई सम्‍मान से नवाजा जा चुका है.
 
2006 में उन्‍हें पद्मश्री पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया. 1999 में दिल का दौरा पड़ने से उनके पति का निधन हो गया था. 2008 में उनका बेटा समीर हुसैन भी नहीं रहा. उनकी विरासत को अब बेटी निलोफर आगे लेकर जा रही है. बेटी ने शहनाज हुसैन की ऑटोबायोग्राफी 'फ्लेम' (Flame: The Story Of My Mother Shahnaz Husain ) भी लिखी है. 
 
 
दुनिया के कई मुल्‍कों में उनके ब्‍यूटी प्रोडक्‍टों की बिक्री होने लगी. शहनाज हुसैन के प्रोडक्‍ट नैचुरल इंग्रीडिएंट्स के लिए जाने जाते हैं. इन्‍हें बनाने में केमिकल और आर्टिफिशियल फ्रैंगनेंस का इस्‍तेमाल नहीं होता है. यही उनके प्रोडक्‍टों की यूएसपी बन गया.
 
शुरुआत में शहनाज ने घर के बरामदे से अपने प्रोडक्‍ट बेचने की शुरुआत की थी. उन्‍हें तब इस बात का एहसास भी नहीं था कि उनका स्‍टार्टअप इतना सफल हो जाएगा. इसके बाद वह सफलता के रथ पर सवार हो गईं. देखते ही देखते वह ब्‍यूटी इंडस्‍ट्री का जाना-माना नाम बन गईं.
 
सौम्य और मृदुभाषी, शहनाज़ के आयुर्वेद, हर्बल उपचार की भारतीय समग्र प्रणाली, के अध्ययन ने प्रकृति में उनके विश्वास को मजबूत किया, जब उन्होंने पाया कि यह सुरक्षात्मक, निवारक और यहां तक ​​कि सुधारात्मक कॉस्मेटिक-देखभाल के लिए आदर्श उत्तर प्रदान कर सकता है.  
 
एक युवा महिला उद्यमी के सपने के रूप में शुरू हुई शहनाज़ हुसैन ग्रुप आज कॉस्मेटिक देखभाल के क्षेत्र में सबसे बड़े ब्रांड में से एक है. शाहनाज़ हुसैन समूह की सीईओ और ब्रांड एंबेसडर हैं. 
 
आज, समूह के पास दुनिया भर में 400 से अधिक फ्रेंचाइजी क्लीनिक, दुकानें, स्कूल और स्पा की श्रृंखला है, साथ ही त्वचा, बाल, शरीर और स्वास्थ्य देखभाल के लिए आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन भी हैं, जो लगभग 138 देशों को कवर करते हैं.
 
एक हर्बल क्लिनिक से विश्वव्यापी श्रृंखला तक की उनकी यात्रा अभूतपूर्व सफलताओं में से एक है.
 
उस समय घर पर एक छोटे से व्यवसाय के रूप में शुरू किया गया जब इंटरनेट का चलन नहीं था, जो आयुर्वेदिक देखभाल क्षेत्र में दुनिया भर में सबसे महान ब्रांडों में से एक बन गया.
 
समूह अपने कुछ अन्य उद्यमों जैसे कि शाहनाज हुसैन फॉरएवर ब्यूटीफुल लाइफस्टाइल शॉप्स, ब्यूटी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, आयुर्वेदिक एंट्रेस और शाहनाज हुसैन आयुर्वेदिक स्पा के साथ भी वैश्विक स्तर पर पहुंच गया है, जो सभी उसकी फ्रेंचाइजी प्रणाली पर आधारित हैं. 
 
उत्साह से भरी इस महिला ने हाल ही में लंदन में फिंचली और मिडलसेक्स में दो और फ्रेंचाइजी सैलून खोलने के साथ-साथ हार्ले स्ट्रीट पर एक शाहनाज आयुर्वेद एस्थेटिक क्लिनिक खोलकर यूके में अपना आधार बढ़ाया है.
 
कंपनी तेजी से विस्तार कर रही है और सऊदी अरब, इज़राइल, म्यांमार और बांग्लादेश में प्रवेश कर रही है, इस वर्ष के दौरान इन देशों से 10 मिलियन डॉलर के राजस्व का लक्ष्य रखा है. समूह की योजना अमेरिका में उस विशिष्ट खंड का लाभ उठाने की भी है, जहां वैकल्पिक उपचारों में रुचि बढ़ रही है. 
 
समूह ने मार्च, 2009 में काहिरा, मिस्र में COSMEXPO - 2009 में भी भाग लिया, जहां शाहनाज़ हुसैन मुख्य अतिथि थीं और इटली में कॉस्मोप्रोफ थीं, जो सौंदर्य क्षेत्र में दुनिया भर में सबसे बड़ा कार्यक्रम था.
 
हुसैन के अन्य अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों में मैड्रिड, स्पेन में आर्क ऑफ यूरोप इंटरनेशनल गोल्ड स्टार, जिनेवा, कान्स और लंदन में क्वालिटी एक्सीलेंस अवार्ड, न्यूयॉर्क में गोल्डन अमेरिका अवार्ड, लंदन में आउटस्टैंडिंग वुमन एंटरप्रेन्योर अवार्ड, वुमन ऑफ द मिलेनियम अवार्ड शामिल हैं. 
 
यूएसए, कैलिफोर्निया के गवर्नर द्वारा वुमन ऑफ द ईयर अवार्ड, नवंबर 2007 में पेरिस में डब्ल्यूक्यूसी इंटरनेशनल स्टार अवार्ड और इंटरनेशनल बायोग्राफिकल सेंटर, कैम्ब्रिज, यू.के. द्वारा लियोनार्डो दा विंची डायमंड अवार्ड, हुसैन के नवाचार और उद्यम की भावना अच्छी तरह से मेल खाते हैं. 
 
मूल प्रकृति सिद्धांत और आयुर्वेद की अनदेखी न करते हुए, अपने क्षेत्र में उनका योगदान अभूतपूर्व है.  
 
अपने करियर, नियमित कॉलम और किताबों के माध्यम से, उन्होंने रासायनिक उपचारों के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा की है, जिन्होंने दिमाग और बाजार की मांगों को प्रभावित किया है. 
 
उनका करियर इस बात का चित्रण है कि कैसे उन्होंने अपने विचारों को वास्तविकता में तब्दील किया है, अपने मूल्यों और अद्वितीय दर्शन के आधार पर जीवन जीया है. 
 
प्राकृतिक देखभाल के बारे में उनका गहन ज्ञान, उनकी दुर्लभ ऊर्जा और जीवन शक्ति, साथ ही उनकी अपनी क्षमताओं में विश्वास, इसे एक ऐसी महिला की कहानी बनाते हैं जिसने सपने देखने की हिम्मत की और सफलता से परे सफल हुई. 
 
दरअसल, शाहनाज़ हुसैन अपने जीवनकाल में ही एक किंवदंती बन गई हैं, जबकि उनकी संस्था, शाहनाज़ हर्बल्स, उनके सपनों, आशाओं और आकांक्षाओं की एक शानदार अभिव्यक्ति है.