प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
सावन मास के पावन अवसर पर नाग पंचमी के पर्व को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न प्राचीन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मंगलवार सुबह से ही लोग मंदिरों में पहुंचकर नाग देवता को दूध, फूल और बेलपत्र अर्पित कर पूजा-अर्चना में लीन दिखाई दिए।
प्रयागराज में गंगा किनारे स्थित ऐतिहासिक श्री नागवासुकी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। यह मंदिर उत्तर भारत में नाग पंचमी के प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है।
इसी प्रकार अयोध्या में प्राचीन शेषावतार श्री लक्ष्मण मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जहां लोगों ने दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस बीच, मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट भी नाग पंचमी के अवसर पर मध्यरात्रि को खोले गए। यह मंदिर वर्ष में केवल एक दिन – नाग पंचमी के दिन ही दर्शन के लिए खोला जाता है।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन किए। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा, “यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि हमें इस पवित्र भूमि पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के साल में एक बार दर्शन का अवसर मिला। मैं वर्षों से यहां आ रहा हूं और अब श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ गई है।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रशासन द्वारा बहुत अच्छे इंतजाम किए गए हैं ताकि हर श्रद्धालु को दर्शन का अवसर मिल सके। हालांकि, अगले वर्ष और बेहतर व्यवस्थाओं पर विचार करना होगा।” मंत्री ने उज्जैन कलेक्टर और प्रशासन को धन्यवाद देते हुए सभी के कल्याण की प्रार्थना की।
उल्लेखनीय है कि नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है और हिन्दू धर्म में इसका विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन नाग देवता की पूजा कर लोग अपने परिवार की सुख-समृद्धि और रक्षा की कामना करते हैं। वर्ष 2025 में यह पर्व 29 जुलाई को मनाया जा रहा है।