ना स्कूल, ना लैब... फिर भी विज्ञान का जादूगर बना शारिम खान

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 01-08-2025
No school, no lab... yet Sharim Khan became a magician of science
No school, no lab... yet Sharim Khan became a magician of science

 

अर्सला खान/नई दिल्ली 

बिहार के औराही गांव से एक ऐसा चमत्कारी बच्चा सामने आया है, जिसे देखकर न सिर्फ उसका गांव बल्कि पूरा देश हैरान हैं CIB चैनल द्वारा जारी विशेष रिपोर्ट के मुताबिक, यह बालक अपनी बुद्धिमत्ता, विज्ञान में रुचि और असाधारण सोच के लिए जाना जा रहा हैं गांव के लोग उसे स्नेह से 'वंडर बॉय' कहने लगे हैं, तो वहीं कई लोग उसे देश का अगला अब्दुल कलाम भी मानने लगे हैंं.

रिपोर्ट के अनुसार, यह बच्चा महज़ 12 साल की उम्र में गणित, विज्ञान और तकनीक के ऐसे-ऐसे सवालों के जवाब देता है, जिन पर बड़े-बड़े लोग अटक जाते हैं. गांव की सीमित सुविधाओं के बावजूद इस बच्चे ने खुद से इंटरनेट, सोलर पैनल, मोबाइल रिपेयरिंग और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग जैसे क्षेत्रों में गहरी जानकारी हासिल कर ली है. रिपोर्ट में दिखाया गया है कि कैसे वह पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामानों से नए उपकरण तैयार करता है. इस बच्चे का नाम शारिम खान है. 
 
स्कूल नहीं, ज्ञान उसकी जिज्ञासा से आता है

इस बच्चे की सबसे खास बात यह है कि उसका ज्ञान किसी बड़े स्कूल या कोचिंग से नहीं, बल्कि उसकी खुद की खोज से आया है. यूट्यूब, पुरानी किताबें और टूटे-फूटे उपकरणों से उसने जो कुछ सीखा, वह शहरों के छात्र भी नहीं कर पाते.
 
गांव वाले भी हैं गर्वित

औराही गांव के लोग इस बालक को गांव का सितारा मानते हैं. एक नीजि चैनल से बात करते हुए एक बुजुर्ग ने कहा, "हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे गाँव से कोई बच्चा ऐसा चमत्कार करेगा. अब तो गाँव के हर माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने लगे हैं."
 
मुस्लिम समाज का गौरव

एक चैनल ने अपनी रिपोर्ट में इस बच्चे को "मुस्लिम समाज का अब्दुल कलाम" करार दिया है. यह तुलना यूं ही नहीं की गई. जैसा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भी बेहद सामान्य परिस्थिति से निकलकर देश और विज्ञान को नई दिशा दी थी, वैसे ही यह बालक भी सीमित संसाधनों से देश की दिशा बदलने का माद्दा रखता है.
 
जरूरत है सहयोग और मार्गदर्शन की

फिलहाल यह बच्चा अपने स्तर पर सीखने और बनाने में जुटा है, लेकिन रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर उसे सही मार्गदर्शन, आर्थिक मदद और तकनीकी संसाधन मिलें तो वह देश के लिए एक अनमोल धरोहर बन सकता है.
 
 
सरकार और समाज को जागना होगा

रिपोर्ट एक बड़ा संदेश भी देती है — भारत के गांवों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. जरूरत है उसे खोजने, संवारने और मंच देने की. अगर ऐसे बच्चों को समय रहते सही दिशा दी गई, तो देश को अगला वैज्ञानिक, आविष्कारक या विचारक मिलने से कोई नहीं रोक सकता.
 
 
औराही का यह 'वंडर बॉय' सिर्फ अपने गांव या धर्म का नहीं, बल्कि पूरे देश की उम्मीद बन चुका है. एक ऐसा नन्हा चिराग, जो अंधेरे में भी जलना जानता है. आज जब हम प्रतिभाओं की खोज में देशभर के कोचिंग सेंटरों की ओर देखते हैं, उस समय यह बालक हमें याद दिलाता है कि असली प्रतिभा ज़मीन से जुड़ी होती है, और उसे बस एक उड़ान की जरूरत होती है. साथ ही शारिम खान Sk Wonder नाम से अपना एक यूट्यूब चैनल भी रन करते हैं.
 
अब वक्त है कि हम सब मिलकर ऐसे बच्चों की पहचान करें, उन्हें आगे बढ़ाएं, ताकि अगला अब्दुल कलाम फिर से भारत की मिट्टी से जन्म ले सके.