सच्चा निकाह क्या है? अमेरिका से लेकर भारत तक एक सोचनीय सवाल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 31-07-2025
What is true marriage? A thought-provoking question from America to India
What is true marriage? A thought-provoking question from America to India

 

xडॉ. अलीम खान फ़लकी

 हमें कई साल बाद फिर अमेरिका जाने का मौका मिला. हमने वहां कई जगहों का दौरा किया, जैसे सिलिकॉन वैली, जहां ICNA ने दो दिन का सम्मेलन रखा था. हमारा मकसद था कि वहां निकाह (शादी) सही तरीके से हो या गलत रस्मों को रोका जाए. वहां जाकर पता चला कि अमेरिका में दहेज नहीं होता और ना ही कोई दहेज की मांग होती है.

यह सुनकर खुशी भी हुई और थोड़ा दुख भी. खुशी इसलिए कि जहां दहेज नहीं होता, वहां शादी की सही वजह होती है, कोई शादी पर दबाव नहीं होता, लोग एक-दूसरे को बोझ नहीं बनाते, तलाक कम होता है और लड़कियां मजबूर होकर घर से भागती नहीं हैं.

d

दुख इसलिए कि वहां भी 90% शादीयां हमारी जैसी ही होती हैं. बस फर्क इतना है कि अमेरिका में लोग कर्ज़ में नहीं रहते क्योंकि कमाई अच्छी होती है. वहां भी लोग सोचते हैं कि शादी में जितना हो सके खुशी से खर्च करें तो ठीक है.

अच्छी बात यह है कि वहां ज्यादातर लोग शराब, जुआ और गैर-शरीअती काम से दूर रहते हैं. वरना वे भी बर्बादी में पड़ सकते थे.जब हम अमेरिका में रहते हुए वहां की सोच देखते हैं तो पता चलता है कि वहां 30-40 साल की उम्र में बहुत सी लड़कियां अकेली रहती हैं. तलाक बहुत है और बच्चे माता-पिता से दूर रहते हैं.

लड़कियां ज्यादा पढ़ाई-लिखाई करके काम करती हैं, लेकिन शादी करने से डरती हैं. महिलाओं को जो आज़ादी मिली है, उससे कई बार वे खुद ही मुश्किल में पड़ जाती हैं. जैसे कि बिना वजह नौकरी करना, बच्चों की देखभाल न कर पाना, तलाक लेना और घर-परिवार टूटना.

अच्छी कमाई वाली लड़कियां अमेरिकी लड़कों से शादी नहीं करना चाहतीं, क्योंकि वे लड़के उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते. वे लड़कियां ज्यादा कमाने वाले लड़कों को पसंद करती हैं, लेकिन ये लड़के भी रिश्तों को स्थायी नहीं रखते. माता-पिता इस सबके बीच बहुत चिंतित और असहाय महसूस करते हैं.

d

अगर हम सोचें तो पता चलता है कि सच्चा प्यार और सुरक्षा सिर्फ इस्लामी निकाह में मिलती है. लेकिन निकाह के नियम बहुत बिगड़ चुके हैं, इसलिए निकाह से बरकत कम और परेशानी ज्यादा होती है.

भारत-पाकिस्तान में गरीबी और अराजकता है. वहीं अमेरिका में नैतिक बर्बादी ज्यादा है. अरब देशों में शादी की गलत रस्मों की वजह से बहुत नुकसान हुआ है, जैसे मिस्यार निकाह. असली निकाह वह है जो आसान और सस्ता हो.

ज्यादा खर्च करने वाली शादी बुरी होती है. निकाह जल्दी करना चाहिए जैसे पैगंबर ﷺ ने बताया. शादी में मेहर (वर का दहेज) पति को तुरंत देना चाहिए. लड़की वालों को कोई खर्चा नहीं करना चाहिए. लेकिन जब लड़की वाले दहेज और बारात के खर्चे करते हैं, तो शादी एक बोझ बन जाती है.

लड़के या लड़की चुनते समय सबसे पहले उनका चरित्र देखना चाहिए, न कि रंग, रूप या दौलत. अगर ऐसा होता तो तलाक और झगड़े कम होते.हमें अपनी शादी की गलत रस्मों को छोड़कर पैगंबर ﷺ के बताए सही तरीके अपनाने होंगे. जो लोग दहेज और फिजूलखर्ची को सही कहते हैं, वे गलत हैं.

इससे समाज में बुराई फैलती है. हमें एक ऐसी संस्था बनानी चाहिए जो इस्लाम के सही निकाह के नियम लागू करे. अमेरिका और कनाडा में भी ऐसे समाज चाहिए जो शादी को आसान, सस्ता और सही बनाए.

d

अगर वहां के सिर्फ 2% लोग साथ दें, तो हम बड़े बदलाव ला सकते हैं. इससे भारत और पाकिस्तान के भी कई लोग सही रास्ते पर आ सकते हैं.जब अंग्रेज़ 17वीं सदी में भारत आए थे, वे सौ से भी कम थे, लेकिन फिर पूरी भारत पर राज किया.

हम भी जब विदेश गए तो मेहनत की, पर अपनी संस्कृति और धर्म भूल गए. आज हमारी आने वाली पीढ़ियां धर्म और इतिहास को जानना छोड़ रही हैं. अगर हमने अभी सुधरना शुरू न किया, तो आने वाला समय बहुत मुश्किल होगा.

  • डॉ. अलीम खान फ़लकी
    अध्यक्ष, सोशियरीफार्म्स सोसाइटी ऑफ इंडिया, हैदराबाद