Kashmir's IUST has changed the face of higher education, students are getting a global platform
एहसान फाज़िली/श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर की पहली इस्लामिक यूनिवर्सिटी — इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IUST), अवंतीपोरा — ने अपनी स्थापना के बीस साल के भीतर देश की अग्रणी यूनिवर्सिटीज़ में जगह बना ली है. इनोवेशन और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए इसे नेशनल इनोवेशन काउंसिल (IIC) से लगातार तीन वर्षों (2023–2025) तक 4-स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है.
IUST के वाइस चांसलर प्रोफेसर शकील अहमद रमशू ने आवाज़-द-वॉयस से बातचीत में कहा, “हम छात्रों में उद्यमशीलता की सोच को बढ़ावा दे रहे हैं और अब तक हमें 120 इनोवेटिव आइडिया मिले हैं, जिनमें से 20 को विश्वविद्यालय ने सहायता प्रदान की है.
तेज़ी से बढ़ती यूनिवर्सिटी
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित यह यूनिवर्सिटी 205 एकड़ में फैली है और वस्तुरवन की पहाड़ियों की ढलानों पर स्थित है, जो झेलम नदी के किनारे अवंतीपोरा शहर में स्थित है — वह इलाक़ा जो प्राचीन राजा अवंतिवर्मन और सूफी संत सैयद हसन मंताकी की दरगाह के लिए प्रसिद्ध है.
वीसी प्रोफेसर शकील अहमद रामशू अपने कार्यालय में
प्रोफेसर रमशू ने बताया कि, “आज हमारे पास 78 शैक्षणिक प्रोग्राम हैं, जो चार साल पहले की संख्या से दोगुना हैं। हम सिर्फ पढ़ाने वाली संस्था नहीं, बल्कि एक रिसर्च-ओरिएंटेड यूनिवर्सिटी बन चुके हैं.”
दाख़िले बढ़े, इंफ्रास्ट्रक्चर उन्नत
जब कई विश्वविद्यालय छात्रों की कमी से जूझ रहे हैं, IUST में इस साल 1679 छात्रों ने दाख़िला लिया है, जो कि पिछले वर्ष के 1050 की तुलना में 50% वृद्धि है. इसके साथ ही, विश्वविद्यालय ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को भी “कम्युनिटी डेवलपमेंट” के उद्देश्य से बेहतर बनाया है.
स्टार्टअप्स और स्किल डेवलपमेंट
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP-2020) के तहत, IUST ने सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (CIED) की स्थापना की है, जिसके माध्यम से छात्रों को स्टार्टअप और इनोवेशन की ओर प्रोत्साहित किया जाता है.
IUST कैंपस
यूनिवर्सिटी के पास 77 पेटेंट और 2391 रिसर्च पब्लिकेशंस हैं. स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए कलाम एकेडमी ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड ट्रेनिंग भी सक्रिय है, जिसकी प्रारंभिक फंडिंग ₹2 करोड़ से बढ़ाकर अब ₹16 करोड़ हो गई है. प्रो. रमशू कहते हैं, “हमारे यहां ऐसा इको-सिस्टम तैयार किया गया है, जो युवाओं को क्रिटिकल, लेटरल और डिज़ाइन थिंकिंग के जरिए उद्यमशीलता के लिए तैयार करता है.”
अकादमिक उत्कृष्टता और शोध में मजबूती
IUST में पिछले चार वर्षों में 260 पीएचडी अवार्ड किए गए हैं, जबकि इससे पहले यह संख्या केवल 16 थी। प्रो. रमशू के अनुसार, “हम विश्वविद्यालय को शिक्षण केंद्र से रिसर्च संस्थान में बदल रहे हैं.” प्रोफेसर शकील रमशू अगस्त 2021 में वाइस चांसलर नियुक्त हुए थे। इससे पहले वे कश्मीर विश्वविद्यालय में डीन ऑफ रिसर्च रह चुके हैं। उनके पास 37 वर्षों का अकादमिक अनुभव है.
राष्ट्रीय नवाचार परिषद से चार सितारा ग्रेडिंग का प्रमाण पत्र
उन्होंने टोक्यो विश्वविद्यालय से वॉटर रिसोर्स इंजीनियरिंग में पीएचडी की है और बैंकॉक के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमएस किया है. वे जापान एयरोस्पेस एजेंसी (JAXA) में वैज्ञानिक और TERI में फेलो रह चुके हैं. उनकी रिसर्च जलविज्ञान, ग्लेशियोलॉजी और जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित है. उन्होंने 270 से अधिक पेपर प्रकाशित किए हैं और 26 पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन किया है.
5 अन्य कैंपस और बढ़ती पहुंच
IUST का केवल मुख्य परिसर ही नहीं, बल्कि पांच अन्य उप-कैंपस भी हैं, जिनमें एक श्रीनगर में स्थित है, जिससे यह जम्मू-कश्मीर के व्यापक युवाओं तक पहुंच बना रहा है.
इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी न केवल कश्मीर के लिए, बल्कि देशभर के छात्रों के लिए शिक्षा, रिसर्च और स्टार्टअप इनोवेशन का एक मजबूत केंद्र बनकर उभर रही है। यह बदलाव आने वाले वर्षों में जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नए अवसर प्रदान करने वाला साबित हो सकता है.