स्वतंत्रता दिवस पर आवाज़-द वाॅयस का बांग्ला संस्करण लॉन्च

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 15-08-2025
Bengali version of Awaaz-The Voice launched on Independence Day
Bengali version of Awaaz-The Voice launched on Independence Day

 

प्रिय पाठकों,

स्वतंत्रता दिवस के इस पावन पर्व पर आवाज़-द वाॅयस परिवार की ओर से आपको हार्दिक शुभकामनाएं और मंगलकामनाएं! यह दिन हमारे लिए दोहरी खुशी लेकर आया है—एक, अपने महान राष्ट्र के गौरव और आज़ादी का उत्सव, और दूसरा, हमारे बांग्ला संस्करण के शुभारंभ का ऐतिहासिक क्षण.

जनवरी 2021 में शुरू हुई हमारी यात्रा में, आपके अपार प्रेम, अटूट विश्वास और निरंतर समर्थन ने हमें अद्भुत गति से आगे बढ़ाया. सिर्फ चार वर्षों में हमने छह भाषाओं—अंग्रेज़ी, हिंदी, उर्दू, मराठी, असमिया और अरबी में अपनी मजबूत पहचान बनाई, और आज गर्व के साथ हम सातवां संस्करण बांग्ला के रूप में आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं.

पिछले एक वर्ष से, हमारे बांग्ला भाषी पाठकों ने अपनी मातृभाषा में सामग्री उपलब्ध कराने की प्रबल इच्छा जताई. हमने इस आग्रह को केवल एक कार्यभार नहीं, बल्कि एक सम्मान और जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार किया. इसके लिए एक दक्ष और सृजनशील बांग्ला संपादकीय टीम का गठन किया गया और एक विशेष वर्टिकल तैयार किया गया, जो अब पूरी तरह सक्रिय है.

आज से, हमारे बांग्ला भाषी पाठक न केवल हमारी वेबसाइट, बल्कि ऑडियो-वीडियो सामग्री का आनंद भी अपनी भाषा में ले सकेंगे. बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर—रवींद्रनाथ टैगोर और काज़ी नज़रुल इस्लाम जैसे महान विभूतियों की अमूल्य विरासत—हमारे लिए प्रेरणा और गर्व का विषय है। कठिन और जटिल ऐतिहासिक दौर से गुजरने के बावजूद, बंगाल ने हमेशा समावेश, सद्भाव और आपसी सम्मान का अद्वितीय संदेश दिया है. हम इसे बंगाल और बांग्लादेश की प्रेरणादायक कहानियों को वैश्विक मंच तक पहुंचाने का सुनहरा अवसर मानते हैं.

हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत हमेशा “समावेशी पत्रकारिता” रहा है—ऐसी पत्रकारिता जो विविधता, सद्भाव और सार्थक कथन को केंद्र में रखे. आज के शोर-शराबे वाले डिजिटल दौर में हमें गर्व है कि आवाज़-द वाॅयस एक विश्वसनीय, सम्मानित और संवेदनशील समाचार मंच के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुका है.

इस नये अध्याय की शुरुआत में, हम आपके उसी विश्वास, स्नेह और सहयोग की अपेक्षा करते हैं, जिसने हमें यहां तक पहुंचाया.

सप्रेम,
आतिर खान
प्रधान संपादक, आवाज़-द वाॅयस