पटना
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव तक राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य पर रोक लगाई जाए।
उन्होंने यह मांग विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के अन्य दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की।
तेजस्वी ने कहा, "इस प्रक्रिया को चुनाव होने तक स्थगित कर देना चाहिए। निर्वाचन आयोग को बूथ स्तर के अधिकारियों (BLO) से संवाद करना चाहिए, जिन्हें जानकारी इकट्ठा करते समय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।"
उन्होंने बताया कि आधार कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड को पहचान पत्र के रूप में मान्यता न देना आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। उन्होंने सवाल उठाया, "जब आधार कार्ड बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद जारी होता है और आयोग स्वयं इसे मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने का इरादा रखता है, तो उसे पहचान प्रमाण के रूप में क्यों नहीं स्वीकारा जा रहा?"
तेजस्वी ने निर्वाचन आयोग से यह भी मांग की कि पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत हटाए जा रहे या जोड़े जा रहे मतदाताओं की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार दैनिक आधार पर सार्वजनिक की जाए।
इसके अलावा उन्होंने आयोग से उन "स्वयंसेवकों" की सूची भी जारी करने की मांग की, जो बीएलओ की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "आखिर किस आधार पर किसी व्यक्ति को स्वयंसेवक के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, यह भी साफ होना चाहिए।"
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि वह और उनका गठबंधन इन मुद्दों को लगातार निर्वाचन आयोग के समक्ष उठा रहे हैं, और इस विषय पर समय रहते हस्तक्षेप के लिए उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया है।