आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपने मलेशियाई समकक्ष अनवर बिन इब्राहिम के साथ बातचीत के दौरान आसियान-भारत एफटीए की समीक्षा पर चर्चा हुई.
विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद रविवार को एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की.
मोदी ने दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) की सफल अध्यक्षता के लिए मलेशिया को बधाई दी। आसियान दक्षिण-पूर्व एशिया के 10 देशों का एक क्षेत्रीय समूह है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए मलेशिया के निरंतर समर्थन का स्वागत किया, जिसमें आसियान-भारत एफटीए की समीक्षा को शीघ्र और सफलतापूर्वक पूरा करना भी शामिल है.
यह मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) 2009 में हस्ताक्षरित हुआ था और जनवरी 2010 से लागू हुआ। अगस्त 2023 में दोनों पक्षों ने 2025 तक वस्तुओं पर आधारित मौजूदा समझौते की पूर्ण समीक्षा करने की घोषणा की.
ऐसा पता चला है कि दोनों पक्षों के बीच कुछ मतभेदों के कारण एफटीए के लिए प्रस्तावित वार्ता आगे नहीं बढ़ पा रही है.
समझौते की समीक्षा भारतीय उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग है और भारत एक उन्नत समझौते की आशा कर रहा है, जो द्विपक्षीय व्यापार में मौजूदा विषमताओं को दूर करेगा और व्यापार को अधिक संतुलित और टिकाऊ बनाएगा.
भारत इस समझौते के दुरुपयोग और बाधाओं को दूर करने के लिए इसकी समीक्षा की मांग कर रहा है.
आसियान के 10 सदस्य देश इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया हैं.
बैठक के दौरान मोदी ने हाल में पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए अनवर को धन्यवाद दिया तथा आपसी हित के मुद्दों पर मलेशिया के समर्थन की सराहना की.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल बरमूडेज से मुलाकात की और औषध, जैव प्रौद्योगिकी, पारंपरिक चिकित्सा और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमारी बातचीत में हमने कई विषयों पर चर्चा की। आने वाले समय में हमारे देशों के बीच आर्थिक संबंधों के बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं.”
उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा जैसे क्षेत्र भी समान रूप से आशाजनक हैं.. क्यूबा में आयुर्वेद की बढ़ती स्वीकार्यता निश्चित रूप से एक बड़ी बात है। हमने आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की.”
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग, विकास साझेदारी, फिनटेक, क्षमता निर्माण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की.