आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा और व्यवस्था के लिहाज से बड़े कदम उठाए गए हैं. मंगलवार को मेरठ में उत्तर प्रदेश और हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक अंतरराज्यीय बैठक आयोजित की गई, जिसका मकसद यात्रा को सुरक्षित, पारदर्शी और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाना था.
इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और हरियाणा के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यात्रा मार्ग पर खाद्य सुरक्षा की निगरानी के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा, और इस बार व्यवस्था में तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा.
सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान भोजन और पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक नई पहल की है। अब यात्रियों को भोजनालयों और ढाबों पर लगे क्यूआर कोड के जरिए फीडबैक देने की सुविधा मिलेगी. कोई भी कांवड़िया मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से भोजन की गुणवत्ता को लेकर तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कर सकेगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और यात्रियों को सुरक्षित व स्वच्छ खानपान मुहैया कराना है.
खाद्य एवं रसद विभाग की टीमों ने लखनऊ की फैजाबाद रोड पर कई दुकानों और खाद्य स्टॉल्स का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कई जगहों से एक्सपायरी और खराब खाद्य सामग्री बरामद की गई, जिसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। दुकानदारों को कड़ी चेतावनी दी गई कि वे किसी भी हाल में घटिया या असुरक्षित खाद्य सामग्री न बेचें. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यात्रा मार्ग पर सभी खाद्य विक्रेताओं के पास वैध लाइसेंस होना चाहिए और उनके द्वारा अपनी दुकान पर पंजीकरण प्रमाणपत्र एवं फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। साथ ही यह भी तय किया गया है कि यात्रा के दौरान निरीक्षण की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हवाई निरीक्षण किया. उन्होंने गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से लेकर बिजनौर तक पूरे कांवड़ रूट की हवाई समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है और अगर कोई व्यक्ति भोजन में मिलावट या अपवित्रता फैलाने जैसा कोई कृत्य करता है, तो उस पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी.
सरकार की इस पहल को धार्मिक आयोजन में तकनीक के प्रयोग की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. कांवड़ यात्रा के लिए उठाए गए ये ठोस और आधुनिक कदम न केवल भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, बल्कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए एक नया मॉडल भी पेश करेंगे.