छात्रों के लिए राहत: गुवाहाटी में अब बिना ब्रोकर के मिलेगा पीजी, रूमी ऐप से आसान खोज

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 08-07-2025
Relief for students: Now PGs can be found in Guwahati without broker, easy search with Roomi app
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अरीफुल इस्लाम/गुवाहाटी

गुवाहाटी के चार छात्रों ने मिलकर एक ऐसा मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है जो छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को बिना किसी दलाल के किराए का आवास खोजने में मदद करता है. इस ऐप का नाम है ‘रूमी’। यह ऐप गुवाहाटी विश्वविद्यालय के छात्र रॉयल परवेज़ और असम इंजीनियरिंग कॉलेज के तीन छात्रों—कृष्णभ दास, आशिक अनवर और प्रयाश पबन सरमा बोराह—द्वारा मिलकर तैयार किया गया है.

रूमी ऐप की खासियत यह है कि यह उपयोगकर्ताओं को सीधे मकान मालिकों से संपर्क स्थापित करने की सुविधा देता है. गुवाहाटी जैसे शहर में अक्सर नए आने वाले छात्रों को किराये पर मकान या पीजी ढूंढने के लिए दलालों का सहारा लेना पड़ता है, जो 500 रुपये से लेकर पहले महीने के किराए का 50 प्रतिशत तक वसूलते हैं। इससे न सिर्फ आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि एक नए शहर में असहजता भी महसूस होती है.

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रॉयल परवेज़ बताते हैं कि जब वे पहली बार गुवाहाटी आए थे, तो उन्हें आवास ढूंढने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस अनुभव ने ही उन्हें इस समस्या का तकनीकी समाधान निकालने की प्रेरणा दी.

उन्होंने कहा, "हम चाहते थे कि आने वाले छात्रों को हमारी तरह परेशानी न हो, इसलिए हमने एक ऐसा ऐप बनाया जो छात्रों को सीधा मकान मालिकों से जोड़ सके."

इस ऐप को 24 मई को लॉन्च किया गया था और अब तक 122 मकान मालिक ‘रूमी’ पर अपनी संपत्तियों को पंजीकृत कर चुके हैं. साथ ही 3,700 से अधिक छात्र इस ऐप के ज़रिए किराए पर घर प्राप्त कर चुके हैं. रूमी ऐप पूरी तरह से फ्री है और उपयोगकर्ताओं को किसी प्रकार की दलाली शुल्क नहीं देनी पड़ती.

रूमी के मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) कृष्णभ दास के अनुसार, मकान मालिकों को रजिस्ट्रेशन के लिए 'रूमी लैंडलॉर्ड ऐप' का इस्तेमाल करना होता है, जहां वे अपने मकानों की सुविधाओं, लोकेशन और किराया आदि की जानकारी दर्ज करते हैं.

वहीं छात्र ‘रूमी’ ऐप के ज़रिए मैप पर आसानी से देख सकते हैं कि कौन-कौन सी जगहों पर पीजी या किराए के मकान उपलब्ध हैं.रूमी ऐप के सीएमओ आशिक अनवर ने बताया कि फिलहाल इसका संचालन केवल गुवाहाटी में हो रहा है, लेकिन भविष्य में इसे असम के अन्य शहरों और फिर पूरे भारत में विस्तार देने की योजना है.

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि गुवाहाटी आने वाला हर नया छात्र ‘रूमी’ ऐप डाउनलोड करे और बिना किसी बिचौलिए के आसानी से आवास प्राप्त कर सके.”

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भारत में Housing.com, Magicbricks, 99acres, NoBroker, NestAway जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन रूमी ऐप की खूबी इसकी स्थानीयता और छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया मॉडल है.

जबकि अन्य ऐप्स में भी ब्रोकर-मुक्त सुविधा होती है, रूमी एक छात्र-केंद्रित और लो-कॉस्ट समाधान के तौर पर उभर रहा है.रूमी ऐप की सफलता यह दिखाती है कि तकनीक के ज़रिए स्थानीय समस्याओं का समाधान कैसे निकाला जा सकता है. यह इन युवाओं की सोच, तकनीकी समझ और सामाजिक जिम्मेदारी का बेहतरीन उदाहरण है.