कारगिल हीरो ने अमेरिका में रचा इतिहास, 61 की उम्र में देश के लिए जीते दो मेडल

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-07-2025
Kargil hero Prem Singh Maan created history in America, won two medals for the country at the age of 61
Kargil hero Prem Singh Maan created history in America, won two medals for the country at the age of 61

 

आवाज़ द वॉयस/ नई दिल्ली

दिल्ली के खेड़ा खुर्द गांव के 61 वर्षीय पूर्व सैनिक और एथलीट प्रेम सिंह मान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जुनून और देशभक्ति की कोई उम्र नहीं होती. अमेरिका के बर्मिंघम में आयोजित वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स 2025 में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 400 मीटर रेस में सिल्वर और 200 मीटर रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का तिरंगा गर्व से ऊंचा किया.

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यह वही प्रेम सिंह मान हैं जिन्होंने 1984 से 2002 तक भारतीय सेना में सेवा दी और कारगिल युद्ध के दौरान मोर्चा संभालते हुए देश की सीमाओं की रक्षा की. सेना से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के रूप में सेवा दी और सैकड़ों खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया, खासकर कबड्डी जैसे देसी खेलों में.

2024 में दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्ति के बाद जहां ज्यादातर लोग आराम का जीवन चुनते हैं, वहीं प्रेम सिंह मान ने दूसरी पारी खेल के मैदान में उतारने का फैसला लिया.

उन्होंने मेहनत और अनुशासन के दम पर फिर से ट्रेनिंग शुरू की और मार्च 2025 में हुई 45वीं नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 200 मीटर में गोल्ड, 400 मीटर में सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर खुद को साबित कर दिया..

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अमेरिका में ताज़ा जीत के बाद उन्होंने कहा,"संघर्ष और खेल की कोई उम्र नहीं होती। मेरा अगला लक्ष्य इस साल भारत में होने वाली एशियन मास्टर्स चैंपियनशिप है और 2027 की वर्ल्ड चैंपियनशिप पर भी मेरी नज़र है."

खेड़ा खुर्द गांव में खुशी की लहर, भव्य स्वागत की तैयारी

प्रेम सिंह की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से पूरा खेड़ा खुर्द गांव गर्व से झूम उठा है। गांव के बुज़ुर्ग राजेश भारद्वाज कहते हैं,"हमारा गांव खुद को सौभाग्यशाली मानता है कि इस उम्र में भी प्रेम सिंह मान जैसे बेटे ने देश का नाम रोशन किया."

इस हफ्ते के अंत तक उनके भारत लौटने की संभावना है और गांववालों ने भव्य स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं. परिजनों और ग्रामीणों के मुताबिक, जैसे ही वे भारत पहुंचेंगे, उनका स्वागत ढोल-नगाड़ों, फूल-मालाओं और देशभक्ति के नारों से किया जाएगा.

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सेवा, समर्पण और संकल्प के प्रतीक हैं प्रेम सिंह मान

उनकी कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक सैनिक, कोच, और प्रेरणा पुरुष की है, जिन्होंने हर मोड़ पर देश को प्राथमिकता दी. सेना में रहते हुए कई खेल प्रतियोगिताएं जीतीं, दिल्ली पुलिस में खिलाड़ियों को गढ़ा और अब खुद मैदान में उतरकर फिर से देश को गौरवान्वित कर रहे हैं.

61 साल की उम्र में, जब शरीर सुस्त पड़ने लगता है, प्रेम सिंह मान रफ्तार पकड़ रहे हैं. और इस रफ्तार की गूंज अब अमेरिका से दिल्ली तक सुनाई दे रही है.

 वो सच्चे हीरो हैं – जिन्होंने पहले कारगिल में लड़ा, फिर दौड़कर भारत का सिर ऊंचा किया.